अन्नदान सबसे बड़ा दान, इससे गरीबों को मिलती है मदद : कड़िया मुंडा
लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष सह पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि अन्नदान सबसे बड़ा दान है। इससे गरीबों को मदद तो मिलती ही है समाज में सहयोग और समानता का भाव आता है।
संवाद सूत्र, तोरपा (खूंटी) : लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष सह पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि अन्नदान सबसे बड़ा दान है। इससे गरीबों को मदद तो मिलती ही है, समाज में सहयोग और समानता का भाव आता है। कड़िया मुंडा ने कहा कि ईश्वर मनुष्य को शिक्षा देने के लिए कई तरह की परीक्षा लेते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों में सहयोग की भावना बढ़ी। लोग काफी संख्या में जरूरतमंदों की मदद के लिए सामने आए। वे रविवार को तोरपा प्रखंड के सुंदारी गांव स्थित एनडी ग्रोवर डीएवी पब्लिक स्कूल में लोगों को संबोधित कर रहे थे। आर्य समाज मंदिर रांची की ओर से पर्यावरण संरक्षण हवन यज्ञ सह महर्षि दयानंद अन्नपूर्णा योजना की शुरूआत करते हुए पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि गरीबों की मदद करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। डीएवी स्कूल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई तरह की कठिनाइयों का समाना करना पड़ा। कार्यक्रम की शुरुआत पर्यावरण हवन यज्ञ से किया गया। जिसमें कड़िया मुंडा, आर्य समाज के प्रधान राजेंद्र कुमार आर्य, संजय पोद्दार, मन्नू देवी, पूरनचंद आर्य आदि शामिल हुए। विमलेंद्र शास्त्री, प्रकृत आर्य और प्रदुम्न शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन संपन्न कराया। विद्यालय में विषाणु मुक्त यज्ञ का आयोजन किया। विशेष वेद मंत्रों व विशेष औषधियों से युक्त हवन सामग्री से आहुति देकर सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना की। हवन की आहुति देने के बाद आर्य समाज के प्रधान राजेंद्र कुमार ने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। आर्य समाज अबतक एक हजार से अधिक हवन यज्ञ करा चुका है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर गांव में हवन यज्ञ कराएं। समाज के महामंत्री पूरनचंद आर्य ने कहा कि हवन यज्ञ और राशन वितरण लोगों के बीच संवाद कायम करने का माध्यम हैं। समाजसेवी डा. निर्मल सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे मे विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में अपने पुरखों की संस्कृति को बचाकर रखना है। मौके पर गंझू प्रधान, गायत्री सिंह, पुरेंद्र मांझी, संतोष त्रिपाठी, युधिष्ठिर त्रिपाठी, प्राचार्य अनिल कुमार मांझी, ज्ञान हंस ओझा, निकोलस तिड़ू, पूनम भेंगरा, गंदौरी गुड़िया सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन आर्य समाज रांची और झारखंड राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के सहयोग से किया गया।