अफीम की खेती की सूचना देने वाले को जान से मार देने की धमकी
अफीम माफिया ने पत्थलगड़ी से अफीम की खेती को बचाने की सलाह व अफीम की खेती की सूचना देने वाले को जान से मार देने की धमकी दी है।
जागरण संवाददाता, खूंटी। अड़की के कड़ूंगा गांव में बैकफुट पर जाने के अगले ही दिन पुलिस-प्रशासन ने देशद्रोहियों से निपटने की व्यापक रणनीति बनाई है। उन्होंने गांवों में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने तथा सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल के साथ ही देशद्रोहियों पर और मजबूत तैयारी के साथ नकेल कसने का फैसला किया है। दूसरी ओर ग्रामसभा भी अब पीछे हटने के मूड में नहीं है। अफीम माफिया अलग से ग्रामसभा और ग्रामीणों को भड़काने में लगे हुए हैं। अफीम माफिया ने गुरुवार को गांव में बैठक कर पत्थलगड़ी से अफीम की खेती को बचाने की सलाह दी है। साथ ही, अफीम की खेती की सूचना देने वाले को जान से मार देने की धमकी दी गई है। बैठक के बाद सभी सरायकेला-कुचाई के लिए रवाना हो गए।
इधर, पुलिस-प्रशासन के लिए बुधवार के साथ गुरुवार का दिन भी बेहद कठिन गुजरा। गंभीर आरोपों में घिरे कड़ूंगा के ग्राम प्रधान सागर मुंडा को पूछताछ के लिए थाना ला रहे जैप व पुलिस के जवानों को तीर-धनुष से लैस उग्र ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। डीसी-एसपी के नेतृत्व में इलाके में पहुंचे पुलिस बल ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए बैकफुट पर जाकर स्थिति को विस्फोटक होने से बचा लिया, अन्यथा भारी हिंसा को टालना संभव नहीं होता। इसकी भरपाई के लिए गुरुवार को जिला मुख्यालय में दिन भर मंथन का दौर चलता रहा। इस बीच प्रशासन ने गुरुवार को खूंटी थाना अंतर्गत डाड़ीगुटू में सामुदायिक पुलिसिंग का आयोजन किया और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया, साथ ही बच्चों के बीच पुस्तकें भी वितरित की।
पर्दे के पीछे से घटना को अंजाम देने वालों पर कड़ी नजर : उपायुक्त
उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि भोले-भाले ग्रामीणों को कुछ अफीम माफिया पैसे का प्रलोभन देकर अफीम की खेती करवाते हैं। उनको भय भी दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अफीम की खेती के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। उनके बीच जनता दरबार लगाकर उन्हें सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा। जो पर्दे के पीछे से इस घटना को अंजाम दे रहे हैं उसपर नजर रखी जा रही है। एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी उसपर कोई बात नहीं हुई है।
पुलिस को गांव में नहीं घुसने देने का फरमान
अड़की थाना क्षेत्र के कुड़ूंगा गांव में गुरुवार को दिनभर ग्रामीणों की बैठकों का दौर जारी रहा। वहीं, जिला प्रशासन ने भी मुख्यालय में बैठकर आगे की रणनीति तैयार की। ग्रामीणों ने बैठक कर किसी भी हालत में पुलिस को गांव के अंदर प्रवेश नहीं करने का फरमान जारी किया है। ग्राम प्रधान सागर मुंडा की रिहाई के बाद फिर से अफीम माफिया का हौसला बुलंद हो गया है।
यहां हो रही अफीम की खेती
अड़की प्रखंड क्षेत्र में 800 से 1000 एकड़ में अफीम की खेती हो रही है। इसमें बीरबंकी में पुलिस ने बुधवार को कुछ हिस्से में अफीम की फसल को नष्ट किया था। वहीं काराई, राकब, भोवंडा, तपेनबेड, हाड़ा, तपौनी, लाहुउली, लांदिउली, तसमार, तोगोगा, तोरोड़ा, हाडतलामा, रमदा, पडासू सहित आसपास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से अफीम की खेती हो रही है।
खूंटी के मुरहू में 80 एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट
अफीम नष्ट करने की मुहिम में जिला पुलिस ने गुरुवार को मुरहू थाना क्षेत्र के बुरजू गांव के जंगली क्षेत्र में अवैध तरीके से लगभग 80 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट कर दिया। यह जानकारी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि जिला पुलिस पिछले डेढ़ माह से अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चला रही है। इसी क्रम में उन्हें सूचना मिली थी कि मुरहू के बुरजू गांव के पास व्यापक पैमाने पर अफीम की खेती की गई है। सूचना सत्यापन के बाद गुरुवार को टीम गठित कर कार्रवाई का निर्देश दिया। गठित टीम ने पूरे दिन अभियान चलाकर करीब 80 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट कर दिया। टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर अमिताभ राय, थाना प्रभारी अरुण कुमार दुबे के अलावा जिला पुलिस बल एवं आरबीआइ के जवान शामिल थे।