शहीद गया मुंडा के वंशज लालसिंह मुंडा का निधन
खूंटी : भगवान बिरसा मुंडा के सेना के सेनापति शहीद गया मुंडा के वंशज 90 वर्षीय लाल¨सह मुंडा का बुधवार की सुबह निधन हो गया। जानकारी होने ने उपायुक्त सूरज कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी प्रणव कुमार पॉल व जिला कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग खूंटी स्थित उनके आवास पर पहुंचे। उपायुक्त ने लाल¨सह मुंडा के शव पर पुष्प अर्पित करने के बाद उनके बेटे रमई मुंडा को तात्कालिक सहायता के रूप में पांच हजार रुपये का चेक दिया। साथ ही सरकार से मिलने वाली अन्य सुविधाओं को जल्द ही मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद लाल¨सह मुंडा का पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव एतकेडीह ले जाया गया। वहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
खूंटी : भगवान बिरसा मुंडा की सेना के सेनापति शहीद गया मुंडा के वंशज 90 वर्षीय लाल¨सह मुंडा का बुधवार की सुबह निधन हो गया। जानकारी होने पर उपायुक्त सूरज कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी प्रणव कुमार पॉल व जिला कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग खूंटी स्थित उनके आवास पर पहुंचे। उपायुक्त ने लाल¨सह मुंडा के शव पर पुष्प अर्पित करने के बाद उनके बेटे रमई मुंडा को तात्कालिक सहायता के रूप में पांच हजार रुपये का चेक दिया। साथ ही सरकार से मिलने वाली अन्य सुविधाओं को जल्द ही मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद लाल¨सह मुंडा के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव एतकेडीह ले जाया गया। वहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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एक दिन पूर्व हुई थी पौत्र की मौत
पिछले चार महीने में गया मुंडा के वंशजों में चार लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बाकी बचे हुए परिजनों की स्थिति दयनीय है। गत मंगलवार को लाल¨सह मुंडा के पौत्र 22 वर्षीय सोमा मुंडा (पिता रमई मुंडा) की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। वयोवृद्ध लाल¨सह मुंडा इस आघात को सह नहीं सके और बुधवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। एक वर्ष पहले पहले लाल¨सह मुंडा के चचेरे भाई सीताराम मुंडा की मौत हो गई थी वे लकवा से ग्रसित थे। वहीं, गत 16 अगस्त को सीताराम मुंडा की पत्नी की मौत कैंसर से हो गई थी।
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तंगहाली में जी रहे हैं गया मुंडा के वंशज
गया मुंडा के वंशज गरीबी और तंगी की हालत में जीवन गुजार रहे हैं। लाल¨सह मुंडा की खूंटी में कृषि विभाग के पीछे दो डिसमिल जमीन है। वहां वे कच्चे घर में अपने परिवार के साथ रहते थे। वे पिछले 16 साल से अपने पुत्र रमई ¨सह को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थिति यह है कि उनके परिजनों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी भारी हो गया है।
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शहीद ग्राम योजना के तहत हो रहा काम
अनुमंडल पदाधिकारी प्रणव कुमार पाल ने बताया कि कि शहीद ग्राम योजना के तहत गया मुंडा के गांव एतेकडीह में 26 सोलर लाइट लगाई जाएंगी। गांव में बिजली पहुंचाने का काम चल रहा है। साथ ही गांव में 35 लाख रुपये की लागत से एक सामुदायिक भवन का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एटकडीह में जल्द ही शहीद गया मुंडा की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
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पैतृक गांव एतकेडीह में हुआ अंतिम संस्कार
जिला कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग की देखरेख में लाल¨सह मुंडा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एतकेडीह में किया गया। लाल¨सह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर पूरा गांव शोक में डूब गया। दोपहर करीब तीन बजे गाजे-बाजे के साथ उनके पार्थिव शरीर को दफानाया गया। पहली मिट्टी उनके पुत्र रमई मुंडा ने दी।
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गया मुंडा के आखिरी वंशज है हैं रमई मुंडा का परिवार
शहीद गया मुंडा के आखिरी वंशज के रूप में अब रमई मुंडा का परिवार ही रह गया है। गया मुंडा के वंशजों में उनके दो पौत्र लाल¨सह मुंडा व सीताराम मुंडा बचे थे। लाल¨सह के चचेरे भाई सीताराम मुंडा का निधन एक वर्ष पूर्व हो गया था और गत 16 अगस्त को सीताराम मुंडा की पत्नी मितनी मुंडा की कैंसर से मौत हो गई थी। सीताराम मुंडा के कोई संतान नहीं थी। वहीं, लाल¨सह मुंडा के दो बेटों व दो बेटियों में से एक बेटे सहदेव मुंडा की मौत काफी पहले हो चुकी है। दूसरे बेटे रमई के पांच बेटे थे। इसमें एक बेटे सोमा मुंडा की गत मंगलवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था।