झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही केंद्र सरकार
काग्रेस के जिला कार्यालय में गुरुवार को जिलाध्यक्ष रामकृष्णा चौधरी तथा प्रदेश कमेटी की ओर से प्रेस कांफ्रेंस किया गया।
खूंटी : काग्रेस के जिला कार्यालय में गुरुवार को जिलाध्यक्ष रामकृष्णा चौधरी तथा प्रदेश कमेटी की ओर से प्रतिनियुक्त प्रभारी शनि टोप्पो ने एक प्रेस काफ्रेंस आयोजित कर केंद्र की भाजपा सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला और पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया। कोरोना के संक्रमण काल में केंद्र की मोदी सरकार झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और गैर भाजपा शासित राज्य के साथ जैसा व्यवहार कर रही है, वह निंदनीय है। काग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार और केंद्रीय उपक्रमों के पास झारखंड को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये बकाया है। लेकिन केंद्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट की घड़ी में आलोकतांत्रित तरीके से अचानक 1417 करोड़ रुपये आरबीआइ के माध्यम से और डीवीसी के बकाये के रूप में काट लेती है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि से कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई किट और अन्य जरूरी सामान खरीदे जा सकते थे और लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता था। शनि टोप्पो और रामकृष्णा चौधरी ने कहा कि डीवीसी की ओर से जो 5417.50 करोड़ के बकाये की बात कही जा रही है। वह रघुवर दास सरकार के समय का है। उन्होंने कहा कि डीवीसी के पास मुश्किल से सौ-सवा सौ करोड़ रुपये का बकाया है। काग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार का सौतेलापूर्ण व्यवहार इस बात से साफ हो जाता है कि तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर और आध्र प्रदेश पर 90 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, पर उनसे राशि नहीं काटी जा रही है। काग्रेंस नेताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में खूंटी के सासद और विधायक अपने क्षेत्र की सुधि नहीं ले रहे हैं। प्रेस कांफ्रेंस में डॉ अनिल बड़ाईक, विल्सन टोपनो, सयूम अंसारी, श्याम किशोर भगत, पुरुषोत्तम गौंझू भी मौजूद थे।