Jharkhand Election Result 2019: अर्जुन मुंडा ने भाजपा की विरासत संभाली
Jharkhand Election Result 2019. खूंटी में भाजपा ने अपनी विरासत पर कब्जा कायम रखा। राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा ने कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को हरा दिया है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 05:30 PM (IST)
खूंटी, जागरण संवाददाता। Jharkhand Election Result 2019 - खूंटी में भाजपा ने अपनी विरासत पर कब्जा कायम रखा है। कांग्रेस एक बार पुन: चारों खाने चित हो गई। राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा ने कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को हराकर खूंटी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। यहां से भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा को कुल 381045 वोट प्राप्त हुए हैं।
वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 378970 वोट प्राप्त हुए। इस तरह अर्जुन मुंडा को 2075 वोट की विजय बढ़त प्राप्त हुई है। 1989 से लेकर 2014 तक के चुनावों में मात्र एक बार 2004 में यहां भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके अलावा भाजपा के दिग्गज नेता कड़िया मुंडा लगातार जीतते रहे हैं। 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने उन्हें शिकस्त दी थी।
अर्जुन मुंडा की जीत के प्रमुख कारण
1. मोदी लहर : मोदी लहर के कारण विशेष कर युवाओं का मिला सहयोग।
2. कड़िया मुंडा का साथ : कड़िया मुंडा ने टिकट कटने के बाद भी ईमानदारी से अर्जुन के लिए काम किया।
3. कैडर वोट : कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के कैडर वोट में सेंधमारी में विफल रहे। अर्जुन को पूरा कैडर वोट मिला।
4. उज्ज्वला एवं आयुष्मान योजना : केंद्रीय योजनाओं के कारण भाजपा को कुछ हद तक वोटरों का साथ मिला।
5. पौलुस सुरिन की भूमिका : झामुमो प्रत्याशी पौलुस सुरिन ने महागठबंधन का साथ नहीं दिया।
6. व्यक्ितगत छवि : साथ ही अर्जुन मुंडा की व्यक्तिगत छवि के कारण भी मतदाताओं ने उनका साथ दिया।
2014 के चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें कड़िया मुंडा ऐसे शख्स थे जिन्होंने इसके पूर्व सात बार जीत दर्ज की थी। उन्होंने आठवीं दफा भी जीत दर्ज की। उस चुनाव में उन्हें 2 लाख 69 हजार 185 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर झारखंड पार्टी के एनोस एक्का रहे थे। उन्हें एक लाख 76 हजार 973 वोट मिला था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को मात्र एक लाख 47 हजार 17 वोट पर ही संतोष करना पड़ा था।
वे तीसरे स्थान पर रहे थे। मुंडा जाति का क्रिश्चियन वोट कालीचरण मुंडा को मिला। सरना के वोट में भी सेंधमारी करने के लिए उन्होंने काफी हाथ-पांव मारा। लेकिन मोदी की लहर ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी के सगे भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा के चुनाव अभिकर्ता थे। खूंटी लोकसभा क्षेत्र में खूंटी, सरायकेला, तोरपा, सिमडेगा, तमाड़ एवं कोलेबिरा विधानसभा सीटें आती हैं।
यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1199512 है। इनमें 829131 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों में भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा, बहुजन समाज पार्टी की इंदुमती मुंडू एवं कांग्रेस के कालीचरण मुंडा थे।
जबकि पंजीकृत दलों में झारखंड पार्टी के अजय टोपनो, हम भारतीय पार्टी की अविनाशी मुंडू, भारतीय मॉइनरिटीज सुरक्षा महासंघ के नील जस्टिन बेक, ऐहरा नेशनल पार्टी के मुन्ना बड़ाइक, राष्ट्रीय सेंगल पार्टी की सिविल कंडुलना, निर्दलीय मीनाक्षी मुंडा, नियारन हेरेंज एवं सुखराम हेरेंज मैदान में थे।
वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 378970 वोट प्राप्त हुए। इस तरह अर्जुन मुंडा को 2075 वोट की विजय बढ़त प्राप्त हुई है। 1989 से लेकर 2014 तक के चुनावों में मात्र एक बार 2004 में यहां भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके अलावा भाजपा के दिग्गज नेता कड़िया मुंडा लगातार जीतते रहे हैं। 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने उन्हें शिकस्त दी थी।
अर्जुन मुंडा की जीत के प्रमुख कारण
1. मोदी लहर : मोदी लहर के कारण विशेष कर युवाओं का मिला सहयोग।
2. कड़िया मुंडा का साथ : कड़िया मुंडा ने टिकट कटने के बाद भी ईमानदारी से अर्जुन के लिए काम किया।
3. कैडर वोट : कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के कैडर वोट में सेंधमारी में विफल रहे। अर्जुन को पूरा कैडर वोट मिला।
4. उज्ज्वला एवं आयुष्मान योजना : केंद्रीय योजनाओं के कारण भाजपा को कुछ हद तक वोटरों का साथ मिला।
5. पौलुस सुरिन की भूमिका : झामुमो प्रत्याशी पौलुस सुरिन ने महागठबंधन का साथ नहीं दिया।
6. व्यक्ितगत छवि : साथ ही अर्जुन मुंडा की व्यक्तिगत छवि के कारण भी मतदाताओं ने उनका साथ दिया।
2014 के चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें कड़िया मुंडा ऐसे शख्स थे जिन्होंने इसके पूर्व सात बार जीत दर्ज की थी। उन्होंने आठवीं दफा भी जीत दर्ज की। उस चुनाव में उन्हें 2 लाख 69 हजार 185 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर झारखंड पार्टी के एनोस एक्का रहे थे। उन्हें एक लाख 76 हजार 973 वोट मिला था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को मात्र एक लाख 47 हजार 17 वोट पर ही संतोष करना पड़ा था।
वे तीसरे स्थान पर रहे थे। मुंडा जाति का क्रिश्चियन वोट कालीचरण मुंडा को मिला। सरना के वोट में भी सेंधमारी करने के लिए उन्होंने काफी हाथ-पांव मारा। लेकिन मोदी की लहर ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी के सगे भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा के चुनाव अभिकर्ता थे। खूंटी लोकसभा क्षेत्र में खूंटी, सरायकेला, तोरपा, सिमडेगा, तमाड़ एवं कोलेबिरा विधानसभा सीटें आती हैं।
यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1199512 है। इनमें 829131 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों में भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा, बहुजन समाज पार्टी की इंदुमती मुंडू एवं कांग्रेस के कालीचरण मुंडा थे।
जबकि पंजीकृत दलों में झारखंड पार्टी के अजय टोपनो, हम भारतीय पार्टी की अविनाशी मुंडू, भारतीय मॉइनरिटीज सुरक्षा महासंघ के नील जस्टिन बेक, ऐहरा नेशनल पार्टी के मुन्ना बड़ाइक, राष्ट्रीय सेंगल पार्टी की सिविल कंडुलना, निर्दलीय मीनाक्षी मुंडा, नियारन हेरेंज एवं सुखराम हेरेंज मैदान में थे।
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