Move to Jagran APP

मवेशियों के शरीर पर फोड़ा, पशुपालक परेशान

पशुओं के शरीर पर चेचक की तरह का फोड़ा निकलने से पशु पालकों में चिता बढ़ती जा रही है। उनकी मानें तो इस तरह का फोड़ा उन्होंने पहली बार देखा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 12:58 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 06:41 AM (IST)
मवेशियों के शरीर पर फोड़ा, पशुपालक परेशान
मवेशियों के शरीर पर फोड़ा, पशुपालक परेशान

संवाद सहयोगी, फतेहपुर (जामताड़ा) : पशुओं के शरीर पर चेचक की तरह का फोड़ा निकलने से पशु पालकों में चिता बढ़ती जा रही है। उनकी मानें तो इस तरह का फोड़ा उन्होंने पहली बार देखा है। प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय में इस बीमारी के लिए दवा नहीं दी जा रही है। यह कौन सी बीमारी है इसकी जानकारी भी पशुपालकों को नहीं है। ऐसे में लोगों को संशय बनी हुई है कि कहीं इस बीमारी के फैलने से मवेशियों की मौत न हो जाए। यह रोग मुख्यत: ा गाय और बैलों में विशेष रूप से दिखाई पड़ रहा है।

loksabha election banner

------------

क्या कहते हैं पशुपालक

------------

गाय व बैलों के शरीर में चेचक की तरह का फोड़ा निकल रहा है यह कौन सी बीमारी है इसका पता नहीं है चिता बनी हुई है कि गाय का नुकसान न हो जाए, गाय के दूध से ही रोजी-रोटी चलता है।

लक्ष्मण मंडल

------------

इस तरह का फोड़ा पशुओं के शरीर में पहली बार दिखाई पड़ रहा है। यह चेचक की तरह दिखता है। अगर यह चेचक है तो विभाग को इसके लिए सक्रिय होना चाहिए।

कामेश मंडल

------------

पशुओं में यह बीमारी पहली बार देखी जा रही है। पशु चिकित्सक को दवा व इंजेक्शन की व्यवस्था करनी चाहिए साथ ही यह कौन सी बीमारी है विभाग को इसकी जानकारी देनी चाहिए ताकि पशुपालक जागरूक हो सके।

सुरेश मंडल

----------------

पशुओं में इस तरह का फोड़ा देखकर काफी चितित हूं। विभाग को इस बीमारी का बेहतर इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे पशुओं को किसी प्रकार का नुकसान न हो।

-- सुनील महतो

--------------------

यह चेचक नहीं, रेसिस बीमारी

प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक रवि ज्ञान सुमन ने बताया कि पशुओं में फोड़ा निकलने की बीमारी पूरे राज्य में फैली है। यह चेचक नहीं है बल्कि रेसिस है। पशुपालकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। इससे जानवरों की मौत नहीं होती है। पेनिसिलिन ग्रुप की दवा पशुओं को खिलाएं। पशु चिकित्सालय में दवा उपलब्ध नहीं है। किसी प्रकार की कठिनाई हो तो संपर्क कर सकते हैं। जब पशु बाहर से आएं तो उसे एक से डेढ़ घंटे बाद ही खाने दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.