स्वास्थ्य सेवा में कोताही नहीं बरतें कर्मी
पदाधिकारी व कर्मचारियों पर सामाजिक व विभागीय दायित्व अहम होता है। उसे नियमित निर्वहन में खरा उतरने की आवश्यकता है।
संवाद सहयोगी,जामताड़ा : पदाधिकारी व कर्मचारियों पर सामाजिक व विभागीय दायित्व अहम होता है। उसे नियमित निर्वहन में खरा उतरने की आवश्यकता है। खास कर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी व कर्मियों कतई लापरवाही न बरतें। मध्यम व निम्न वर्ग के लोग सरकारी अस्पतालों पर इलाज के लिए निर्भर रहते हैं। सबों को बेहतर चिकित्सकीय लाभ मिलना चाहिए। उक्त बातें रविवार को उपायुक्त गणेश कुमार ने नगर भवन में संपन्न झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पांचवे जिला स्तरीय सम्मेलन में कहीं
कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों व सहिया का प्रयास का परिणाम है की जिले के दुर्गम क्षेत्रों में भी लोगों को सहजतापूर्वक स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। सहिया के प्रयास से सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूक हुए हैं। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सिद्वेश्वर सिंह ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीति रवैया अपना रही है। खास कर चिकित्सा विभाग को निजीकरण का लक्ष्य मानकर कई प्रकार की नियुक्तियों को अनुबंध, पारितोषिक एवं ठेका प्रथा का विस्तार कर कर्मियों की पूर्ति कर रही है। ऐसे में सरकार का एक मात्र मकसद है कि कर्मचारियों को उचित मजदूरी नहीं देकर रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं कर शोषण किया जाए। झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविद प्रसाद ने कहा कि एक ही विभाग में तीन स्तरों पर काम कर रहे कर्मचारियों से संदर्भ में सम्मेलन का आयोजन है। स्वास्थ्य विभाग में नियमित, अनुबंध एवं आउटसोर्सिंग कर्मी के तहत कार्य लिया जा रहा है। वर्तमान समय में शिक्षित बेरोजगारों को आउटसोर्सिंग के तहत शोषण हो रहा है। आउटसोर्सिंग कर्मियों के शोषण से सरकार की युवा के प्रति सोच को समझा सकता है। कहा कि सम्मेलन में लंबित मांग पत्र तैयार कर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।
सम्मेलन में सिविल सर्जन डॉ. आशा एक्का, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एसके मिश्रा, प्रदेश संरक्षक सुशीला तिग्गा, भूषण कुमार, राजीव नयन तिवारी, कैलाश शाह, अरुण कॉपरी, महासंघ के जिला सचिव अर्जुन प्रसाद सिंह, अरविद प्रसाद, नवल प्रसाद सिंह समेत सभी प्रखंड से पहुंचे चिकित्सा पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।