Move to Jagran APP

महिला ग्राम संगठन ने आंबा को शुरू की पोषाहार आपूर्ति

जामताड़ा सखी मंडल सदस्यों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित पोषाहार आपूर्ति योजना जिले में शुरू हो चुकी है। अब सखी मंडल की सदस्य पोषाहार तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति कर रही है। पोषाहार आपूर्ति के उपरांत बाल विकास परियोजना कार्यालय से महिला ग्राम संगठन को निर्धारित दर पर राशि का भुगतान मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 06:20 PM (IST)
महिला ग्राम संगठन ने आंबा को शुरू की पोषाहार आपूर्ति
महिला ग्राम संगठन ने आंबा को शुरू की पोषाहार आपूर्ति

जामताड़ा : सखी मंडल सदस्यों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित पोषाहार आपूर्ति योजना जिले में शुरू हो चुकी है। अब सखी मंडल की सदस्य पोषाहार तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति कर रही है। पोषाहार आपूर्ति के उपरांत बाल विकास परियोजना कार्यालय से महिला ग्राम संगठन को निर्धारित दर पर राशि का भुगतान मिलेगा। रसियाभीठा महिला ग्राम संगठन की दर्जनों सखी मंडल सदस्य पोषाहार सामग्री तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचा रही है। यह सखी मंडल संबंधित पंचायत में संचालित 15 आंगनबाड़ी केंद्र में प्रत्येक माह पोषाहार आपूर्ति करेगा। इसी प्रकार अन्य पंचायत के महिला ग्राम संगंठन ने भी पोषक पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में पोषाहार पहुंचा रही हैं।

loksabha election banner

नाराडीह की सक्रिय महिला सखी समीना खातून ने बताया कि पंचायत में आठ-दस सखी मंडल सक्रिय हैं। सखी मंडल के सदस्य पोषाहार तैयार कर पंचायत स्तरीय महिला ग्राम संगठन में संग्रह करता है। जहां से आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति की जाती है। महिलाओं को स्थानीय गांव में रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार ने यह नई व्यवस्था बनाई है। इसमें झारखंड राज्य आजीविका मिशन से प्रोत्साहित महिला ग्राम संगठन की महिलाएं अब जिले की गर्भवती महिलाएं, धातृ महिला और आंगनबाड़ी केंद्र के नामांकित बच्चों के बीच पूरक पोषाहार का वितरण करेगी। यह योजना अक्टूबर से जिले के केंद्रों पर चालू होना था लेकिन सदस्यों की सक्रियता कम होने के कारण नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ।

---ये है प्रावधान : सरकारी प्रावधान के तहत अब गांव की महिला समूह को ही आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषाहार (पका भोजन) का वितरण किया जाएगा। इस कार्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। वे इस योजना को सफल करने में सहायक की भूमिका में रहेंगी। पोषाहार की राशि सीधे राज्य सरकार ग्राम महिला संगठन के बैंक खाता में भेजेगी। इसके लिए बहुत जल्द कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में महिलाओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से इस योजना से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। बताया जाएगा कि इस योजना के लाभार्थी के रूप में गर्भवती महिलाओं एवं धातृ महिलाओं को प्रतिदिन 9.50 रुपये के हिसाब से पोषक आहार दिया जाना है। जबकि छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को आठ रुपये एवं कम वजनवाले बच्चों को प्रतिदिन 12 रुपये की लागत का पूरक पोषाहार दिया जाएगा। पोषक आहार माह में 25 दिन दिया जाएगा।

-- राशि सीधे ग्राम महिला संगठन के बैंक खाते में जाएगी : आंगनबाड़ी केंद्र को उपलब्ध कराई गई पोषाहार की राशि समाज कल्याण विभाग सीधे ग्राम महिला संगठन के बैंक खाते में भेजेगा। इसकी प्रक्रिया विभाग ने पूरी कर ली है। संगठन द्वारा केंद्र में उपलब्ध कराए गए पोषाहार की रिपोर्ट आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से बालविकास परियोजना पहुंचेगी। जहां महिला पर्यवेक्षक सत्यापन कर भुगतान का प्रस्ताव जिला समाज कल्याण कार्यालय भेजा जाएगा।

-- पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त रहेगा वितरण : लाभार्थी तक पूरक पोषाहार पहुंचाने में सरकार का प्लास्टिक मुक्त अभियान का शतप्रतिशत अनुपालन किया जाएगा। लाभार्थियों को कागज के ठोंगा में पैक कर पोषाहार दिया जाएगा। वहीं उसे एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए झोला का उपयोग किया जाएगा। झोला की आपूर्ति भी महिला समिति के माध्यम से की जाएगी। प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के लिए यह पहल की जा रही है।

-- वर्जन :

राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक पंचायतों में महिला संगठन पोषाहार आपूर्ति की तैयारी कर रही है। दर्जनों पंचायतों में आपूर्ति हो शुरू हो चुकी है। महिला पर्यवेक्षक संगठन व आंगनबाड़ी सेविका में समन्वय स्थापित करने का कार्य कर रही है। पोषाहार आपूर्ति में किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए विभाग प्रयासरत है। स्नेह कश्यप, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.