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जामताड़ा सदर अस्पताल में कम पड़ने लगे वार्ड व बेड

जामताड़ा भले ही कहने को 100 वार्ड का सदर अस्पताल है पर वर्तमान समय में वार्ड कक्ष का विलय विभिन्न कक्ष के रूप में कर दिए जाने से वार्ड व बेड की कमी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। वर्तमान समय में सदर अस्पताल में महिला वार्डपुरुष वार्ड डायरिया वार्ड यक्ष्मा एमडीआर सिजेरियन प्रसूता गर्भवती वेटिग वार्ड स्थापित हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:18 AM (IST)
जामताड़ा सदर अस्पताल में कम पड़ने लगे वार्ड व बेड
जामताड़ा सदर अस्पताल में कम पड़ने लगे वार्ड व बेड

जामताड़ा : भले ही कहने को 100 वार्ड का सदर अस्पताल है पर वर्तमान समय में वार्ड कक्ष का विलय विभिन्न कक्ष के रूप में कर दिए जाने से वार्ड व बेड की कमी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। वर्तमान समय में सदर अस्पताल में महिला वार्ड,पुरुष वार्ड, डायरिया वार्ड, यक्ष्मा, एमडीआर, सिजेरियन, प्रसूता, गर्भवती वेटिग वार्ड स्थापित हैं। वर्तमान समय में सभी वार्ड में 100 बेड के स्थान पर 70 बेड स्थापित हैं। वार्ड के अभाव में 30-40 नया बेड भंडार कक्ष की शोभा बढ़ा रहा है अस्पताल प्रबंधन वार्ड के अभाव में कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है। जिले में प्रति वर्ष 2000 नेत्र रोगियों का मोतियाबिंद ऑपरेशन जबकि 3000 महिलाओं का बंध्याकरण किया जाता है। मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं बंध्याकरण को तिथि निर्धारित है। प्रत्येक सप्ताह में दो दिन बंध्याकरण व मोतियाबिंद ऑपरेशन होगा है। निर्धारित हर तिथि में 15 से 20 बंध्याकरण वहीं 4 से 6 मोतियाबिंद ऑपरेशन होता है। वार्ड के अभाव के कारण बंध्याकरण व नेत्र ऑपरेशन करानेवाले मरीजों को बेड नहीं मिल पाता। संबंधित मरीजों को अस्पताल भवन के फर्स पर बिछावन में समय गुजारना पड़ता है। कभी-कभी तो अस्पताल के विभिन्न वार्ड स्थित बेड भरा रहने पर एक बेड में दो मरीज को शिप्ट करना पड़ता है। इतना ही नहीं मरीजों की संख्या बढ़ने पर समान्य मरीज को भी डायरिया वार्ड में भर्ती करना पड़ता है। शुक्रवार को भी डायरिया वार्ड में आधा दर्जन सामान्य मरीज इलाजरत है। जिले की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है वहीं ठीक इसके विपरित सदर अस्पताल में स्थापित वार्ड घटता जा रहा है। पिछले छह वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में 100 बेड का अलग-अलग वार्ड स्थापित था। उस वक्त जिले की आबादी सात लाख के करीब थी, वर्तमान समय में जिले की आबादी 9 लाख से अधिक हो चुका है जबकि सदर अस्पताल में वार्ड का विस्तार होने के बदले सिमटता गया है। 100 बेड क्षमता से शुरू हुई अस्पताल वर्तमान समय में 70 बेड में सिमट गया है। जबकि वर्तमान समय में सदर अस्पताल को कम से कम 150 बेड क्षमता की आवश्यकता है।

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-- सुविधा बढ़ती गई, वार्ड का विलय होता रहा : आरंभकाल में दर्जनों कक्ष में वार्ड स्थापित किया गया था, इतना ही नहीं 100 से अधिक बेड वार्ड में स्थापित किया गया था। लेकिन बाद में एसएनसीयू, आइसीयू, रक्त भंडारण केंद्र, नेत्र ओपीडी, सहिया रेस्ट हाउस, विश्राम कक्ष, ममता वाहन नियंत्रण कक्ष, यक्ष्मा जांच केंद्र समेत अन्य कक्ष स्थापित करने से वार्ड का विलय हो गया। वर्तमान समय में 9 बेड क्षमता का महिला वार्ड, 10 बेड क्षमता के पुरुष वार्ड, 9 बेड क्षमता के डायरिया वार्ड, 9 बेड क्षमता के यक्ष्मा वार्ड, 2 बेड क्षमता के एमडीआर वार्ड, 8 बेड क्षमता के रिजेरियन वार्ड, 15 बेड क्षमता के प्रसूता वार्ड, 8 बेड क्षमता की गर्भवती वेंटिग वार्ड संचालित है। जबकि अस्पताल में औसतन 200 सामान्य मरीज पहुंचते हैं जिसमें से 10 प्रतिशत मरीज भर्ती होने की स्थिति में होता है।

-- उपलब्ध वार्ड में बेहतर सुविधा मरीजों को मिले इस निमित विभाग प्रयासरत है। अतिरिक्त वार्ड की आवश्यकता है, जिसे राज्य मुख्यालयों को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया है। अस्पताल में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा विस्तार को लेकर कई वार्ड का विलय किया गया है। क्योंकि उक्त स्वास्थ्य सुविधा अनिवार्य था जो मरीजों को नहीं मिल पा रहा था। वार्ड विस्तार को लेकर हम प्रयासरत हैं।

डॉ. आशा एक्का, सिविल सर्जन।


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