ग्रामीणों ने किया शौचालय उपयोग का विरोध
जामताड़ा : शौचालय की छत गिरने से अधेड़ की मौत के बाद सोनबाद पंचायत के सरियाभिट्ठा के ग्र
जामताड़ा : शौचालय की छत गिरने से अधेड़ की मौत के बाद सोनबाद पंचायत के सरियाभिट्ठा के ग्रामीणों ने शौचालय का उपयोग करने का बहिष्कार किया है है। ग्रामीणों ने बताया कि सभी शौचालय गुणवत्तापूर्ण नहीं है। बनने के छह माह बाद ही टूटना शुरू हो गया। इससे कफी भी हादसा हो सकता है। इस कारण सभी ने शौचालय का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। साथ ही दोबार शौचालय का निर्माण किया जाए।
बता दें कि सदर प्रखंड की सोनबाद पंचायत के रासियाभिट्ठा में शौचालय की छत गिरने से 50 वर्षीय लुसु मुर्मू की मौत हो गई थी। वह शौचालय की जर्जर छत को अंदर से सीमेंट डाल रहा था। इसी दौरान छत का स्लैब उसपर गिर पड़ा था। अस घटना में वह घायल हो गया था। शुक्रवार रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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- रसियाभिट्ठा में बने हैं पांच दर्जन शौचालय : सोनबाद पंचायत में आधा दर्जन गांव है। सभी गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12-12 हजार रुपये की लागत से मुखिया व जल सहिया के माध्यम से शौचालय का निर्माण किया गया है। रसियाभिट्ठा गांव में भी पांच दर्जन शौचालय का निर्माण किया है। वर्तमान में कई शौचालय उपयोग से पहले ही जर्जर हो चुका है। कई का निर्माण अधर में है। बुधवार की घटना को देख ग्रामीणों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय का उपयोग करने से बहिष्कार किया है।
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-शौचालय निर्माण मानक के विपरीत, उठी जांच की मांग : बानेश्वर सोरेन ने कहा कि शौचालय का निर्माण मानक के विपरीत हुआ है। यह लुसु के साथ हुए हादसा ने साबित कर दिया है। अब हम लोगों ने निर्णय लिया है कि जान जोखिम में डालने से बचेंगे और शौचालय का उपयोग नहीं करेंगे।
वहीं साहेबलाल मरांडी व गौरचंद्र सोरेन ने कहा किक शौचालय के निर्माण में मानक की अनदेखी की गई है। बरसात का आगाज भी हो चुका है। ऐसे में शौचालय में प्रवेश करना दुर्घटना को आमंत्रण देना है। हम सभी ने शौचालय का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। जला प्रशासन निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कर लोगों को भरोसा दें कि शौचालय का निर्माण मानक के अनुरूप हुआ है। अगर मानक के विपरीत निर्माण हुआ है तो मरम्मत किया जाए। नरेश किस्कू ने कहा कि उनके नाम से आवंटित शौचालय तीन माह पूर्व पूर्ण दिखाया गया है लेकिन अब भी अपूर्ण है। बुधु मरांडी ने कहा निम्नगुणवत्ता वाले शौचालय निर्माण कार्य को देखते हुए खुाद से शौचालय बनाया। बाद भी महज पांच हजार रुपये मिला है।
जल सहिया वर्षारानी टुडू ने बताया कि कई चरणों में शौचालय का निर्माण किया गया है। पहले चरण में प्रत्येक शौचालय में 2000 रुपये रिश्वत देना पड़ता था। इसी कारण शौचालय निर्माण में गुणवत्ता में कमी आई। दूसरे चरण में रिश्वत नहीं लगा तो सभी शौचालय मानक के अनुरूप बना है।
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-वर्जन
स्वच्छ भारत मिशन को गांव स्तर पर प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हादसा के बाद ग्रामीण शौचालय उपयोग के बहिष्कार के पक्ष में है तो बैठक कर लोगों को प्रेरित किया जायेगा। जो शौचालय जर्जर हो चुका उसे जलसहिया के माध्यम से दुरुस्त किया जाएगा। कतिपय शौचालय को छोड़ सभी शौचालय मानक के अनुरूप बना है।
-अनिता हेम्ब्रम, मुखिया, सोनबाद पंचायत