सूबे के हर गांव तक पहुंचेंगे विद्यासागर के आदर्श
पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 200 वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक रूप देने के लिए 17 सितंबर से आयोजित नुक्कड़ सभा का समापन 26 सितंबर को नंदनकानन परिसर में किया गया।
जासं, जामताड़ा/ करमाटांड़ : पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 200 वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक रूप देने के लिए 17 सितंबर से आयोजित नुक्कड़ सभा का समापन 26 सितंबर को नंदनकानन परिसर में किया गया। नुक्कड़ सभा से भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने उनके कल्याणकारी कार्यों को जनता तक पहुंचाया। ईश्वर चंद्र की तरह ही लोगों की सेवा करने, बाल विवाह पर रोक लगाने, विधवा विवाह को बढ़ावा देने का संदेश जनजन तक पहुंचाया। नाटक के जरिए लोगों के बीच बेटी बोझ नहीं समझना है, बेटी के बिना परिवार अधूरा का संदेश दिया गया। समिति का कला जत्था गांव-गांव भ्रमण कर लोगों को 17 सितंबर से 26 सितंबर तक लोगों को जागरूक किया। उनकी जीवनी बताई। सबों को उनके सिद्धांतों को अपनाने पर बल दिया। भारत ज्ञान विज्ञान समिति की टीम साल भर जागरूकता अभियान चलाएगी।
गुरुवार को कला जत्था की टीम ने झारखंड राज्य के प्रत्येक जिला के प्रखंडों में एक साल तक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। अभियान का समापन नंदनकानन में किया गया। समिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. काशीनाथ चटर्जी, प्रदेश महासचिव हेमंत कुमार जायसवाल, मौसमी चटर्जी, संयुक्त सचिव विश्वनाथ सिंह, मदन सरकार, संजीत कुमार भंडारी, कामेश्वर गंझु, किशोर मुर्मू, निमाई कालिदी, लक्ष्मी चंद्र, चिता देवी, सिमंती कुमारी, कल्पना कुमारी, विपुल सिंह, शांति कुमारी, तेत्री कुमारी, विराज उरांव शामिल थे। विद्यासागर की जन शताब्दी के अवसर पर गुरुवार को कला जत्था की टीम ने झारखंड राज्य के प्रत्येक जिला के प्रखंडों में एक साल तक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया।
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बच्चों ने प्रभातफेरी निकाली, ईश्वरचंद्र को नमन किया
करमाटांड: गुरुवार अहले सुबह को नंदनकानन परिसर से राजकीयकृत गुलाब राय गुटगुटिया हाई स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थियों, महिला कौशल शिक्षा केंद्र की महिला व विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति ने प्रभातफेरी निकाली। प्रभात फेरी नंदनकानन परिसर से रेलवे फाटक अंबेडकर चौक, सुभाष चौक, सरस्वती शिशु मंदिर के समीप बजरंगबली मंदिर से रेलवे ओवर ब्रिज, गणपत चौक बाजार होते हुए नंदनकानन परिसर पहुंची। ईश्वर चंद्र अमर रहे का जयकारा लगाते हुए पूरा बाजार भ्रमण किया। लंबी कतार के कारण सड़कों पर जाम सा नजारा घंटों रहा। नंदनकानन परिसर में पहुंचकर सभी बच्चों ने विद्यासागर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
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रेलवे की दीवारें समाज सुधारक की यादों से सजी थी
विद्यासागर रेलवे स्टेशन को हाईटेक रेलवे स्टेशन बनाने की पहल रेल प्रशासन न की है। पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवनी व उनकी यादें दीवारों पर उकेरी गई है। प्लेटफार्म पर आने वाले यात्रियों समेत गुजरने वाले हर व्यक्ति पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की जीवनी से रूबरू होते हैं। विद्यासागर रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे भूमि पर विद्यासागर पार्क का भी निर्माण किया गया है। स्टेशन पर पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की जीवनी को अंकित कर स्टेशन को भव्य सुंद़रता दी गई है। करमाटांड़ रेलवे स्टेशन का नामकरण विद्यासागर स्टेशन 29 सितंबर 1989 को पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के 170 वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर पूर्व रेलवे आसनसोल मंडल रेल प्रबंधक असीम कुमार मित्र ने किया था।