आयुष चिकित्सकों के वेतन पर रोक, कार्यशैली सुधारने की नसीहत
जामताड़ा : सभी आयुष चिकित्सकों का वेतन रोकें तथा स्पष्टीकरण तलब करें। शुक्रवार को समाह
जामताड़ा : सभी आयुष चिकित्सकों का वेतन रोकें तथा स्पष्टीकरण तलब करें। शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने ये निर्देश दिया। संस्थागत प्रसव व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण के संदर्भ में जब उपायुक्त मौजूद आयुष चिकित्सकों से संबंधित क्षेत्र की स्थिति बताने को कहा तो चिकित्सक जवाब देने के बजाय आनाकानी करने लगे और बाद में आंगनबाड़ी के बजाय स्कूली बच्चों के बारे में बताने लगे। जबकि सभी आयुष चिकित्सकों को पूर्व की बैठक में उपायुक्त ने संस्थागत प्रसव की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया था, लेकिन स्थिति संतोषजनक नहीं देख डीसी ने सिविल सर्जन को सभी आयुष चिकित्सकों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब करने का निर्देश दिया।
संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुए डीसी ने नाला प्रखंड की स्थिति पर क्षोभ व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कहा कि आखिर नाला प्रखंड प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यक्रम में पीछे क्यों है,क्या वहां प्रगति की कोई गुंजाइश है या नहीं? लेकिन नाला के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कोई संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे। समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने पाया कि कई उप स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां संस्थागत प्रसव की स्थिति काफी निराशाजनक है। लेकिन वहां तीन एएनएम की पदस्थापना है। जबकि कई ऐसे स्वास्थ्य उप केंद्र भी पाएं गए, जहां एएनम एक है। लेकिन संस्थागत प्रसव की स्थिति काफी बेहतर है। मौके पर डीसी ने ऐसे सभी एएनएम को चिह्नित कर महीना भर टीकाकरण कार्य में लगाने का निर्देश दिया। साथ ही जहां एएनएम केवल बैठकर वेतन ले रही है और संस्थागत प्रसव की स्थिति शून्य है उसे तत्काल ऐसे केंद्र में पदस्थापित करने को कहा जहां संस्थागत प्रसव के लिए अधिक भीड़ होती है। दृष्टांत के तौर पर उन्होंने दक्षिण बहाल व लादन स्वास्थ्य केंद्र की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों केंद्र में संस्थागत प्रसव की स्थिति ठीक नहीं है लेकिन दोनों ही केंद्र में तीन-तीन एएनएम पदस्थापित है।
सहिया के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि कई ऐसे सहिया है जिसे अपने कार्य के लिए आज तक कोई प्रोत्साहन राशि प्राप्त नहीं किया है ऐसे सहियाओं को चिह्नित कर कार्य मुक्त करने को कहा। कुपोषण केंद्र की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने केंद्र में भर्ती हुए बच्चों के यहां से निकलने के बाद क्या स्थिति है इस ¨बदु पर जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा। इस क्रम स्वच्छता प्रेरक ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे बुरा हाल नारायणपुर कुपोषण केंद्र का है जहां एक से दो बच्चे ही भर्ती होते हैं।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ. बीके साहा,सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. डीसी मुंशी,डीटीओ डॉ. डीके अखौरी,जामताड़ा के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार किस्कू,डीपीएम दीपक गुप्ता,लेखा प्रबंधक भोला गुप्ता समेत विभिन्न प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी,आयुष चिकित्सक आदि मौजूद थे।