सियाटांड़ से दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, एक फरार
जागरण संवाददाता जामताड़ा साइबर अपराधियों के गढ़ करमाटांड़ के सियाटांड़ गांव से पुि
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : साइबर अपराधियों के गढ़ करमाटांड़ के सियाटांड़ गांव से पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनमें करमाटांड़ थाना के आमडीहा निवासी रामू तूरी का पुत्र धीरेन तूरी व सियांटांड़ निवासी स्व. नंदकिशोर मंडल का पुत्र सुभाष मंडल शामिल है। जबकि गिरोह का सरगना राजेश मंडल फरार हो गया। दोनों ऑनलाइन ठगों के पास से पांच मोबाइल व नौ सिम जब्त किया गया है। धीरेन मंडल ने सरायकेला के एक न्यायिक अधिकारी जज को ऑनलाइन ठगी करने में झांसा देने में विफल होने पर धमकी भी दी थी। उसके खिलाफ सरायकेल थाना में भी कांड अंकित है।
पुलिस की मानें बंगाल पुलिस ने जामताड़ा एसपी दीपक सिन्हा को ठगी के लिए किए गए कॉल व एक व्यक्ति के बैंक खाते से उड़ाए गए 25000 उड़ाने की जानकारी तीन दिन पूर्व दी थी। कॉल से जुड़े मोबाइल नंबर भी मुहैया कराया था। उस नंबर की लोकेशन करमाटांड़ मिल रही थी। एसपी के निर्देश पर साइबर थाना की पुलिस तीन दिनों से ठगों की मोबाइल लोकेशन ढूंढ रही थी पर वे जगह बदलते हुए मोबाइल बंद कर देते थे। अंतत: पुलिस को सोमवार देर शाम को सियाटांड़ में लोकेशन मिली तो दोनों को दबोच लिया गया। पुलिस की भनक पाकर राजेश फरार हो गया। हालांकि पुलिस यह नहीं बता पाई कि बंगाल के किस थाना के किस व्यक्ति के खाते से राशि उड़ाई गई थी। माना जा रहा है कि किसी वीआइपी व्यक्ति को भी इन तीनों ने चूना लगाया है।
---राज्यों का आपस में कर लिया था बंटवारा : एसपी दीपक सिन्हा ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि बंगाल पुलिस की सूचना पर सुभाष व धीरेन गिरफ्तार किया गया। फरार सरगना राजेश भी जल्द पकड़ा जाएगा। एसपी ने बताया कि ये अपराधी राज्यों को आपस में बांटकर साइबर ठगी करते हैं। पूछताछ में सुभाष मंडल ने पुलिस को बताया कि वह पहल मुंबई में काम करता था। वहां से लौटकर वह साइबर ठगी करने लगा। वह मुंबइ, गुजरात, बिहार व झारखंड के बैंक खाता धारकों को झांसा देकर रुपए उड़ाता था। जबकि धीरेन बंगाल, बिहार व झारखंड के बैंक खाताधारकों के खातों से रुपए उड़ता था। हालांकि दोनों ने अब तक अलग-अलग 8-10 लोगों के खातों से ही रुपए उड़ाने की बात स्वीकारी है।
---ऐसे करता था ठगी: पूछताछ में दोनों ने एसपी को बताया कि वे एनी डेस्क व टीम व्यूवर एप से खाता धारकों को ठगी करते थे। पहले वे खाताधारक को मोबाइल नंबर अपग्रेड करने व केवाइसी कराने का झांसा देकर फोन करते हैं। फिर इन दोनों में से किसी एक एप को डाउनलोड करवाते हैं। फिर उस एप के जरिए खाताधारक के मोबाइल को ऑपरेट करने लगते हैं। मोबाइल की सारी जानकारी उन्हें मिल जाती है। या फिर लिक भेजकर पांच रुपए उसी नंबर पर भुगतान करने को कहते हैं। भुगतान करने के साथ बैक खाता से जुड़ी सारी जानकारी उनतक पहुंच जाती है। इसके बाद वे खाता से राशि उड़ाने लगते हैं। एसपी ने बताया कि धीरेन के खिलाफ सरायकेला थाना में वर्ष 2017 में ठगी का मामला दर्ज है। पुलिस के हत्थे पहल भी वह चढ़ चुका था।