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एटीएम कार्ड क्लोन कर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

atm fraud. एटीएम कार्ड क्लोन कर लोगों के खातों से पैसे उड़ाने वाले वाले झारखंड के तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 02:37 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 02:37 PM (IST)
एटीएम कार्ड क्लोन कर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
एटीएम कार्ड क्लोन कर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एटीएम कार्ड क्लोन कर लोगों के खातों से पैसे उड़ाने वाले वाले झारखंड के तीन आरोपितों को पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान अमित कुमार (26), मनोज कुमार शर्मा (28), और रोहित मंडल (25) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 1.05 लाख रुपये, पांच मोबाइल फोन, कार्ड रीडर और एक कार्ड क्लोनिंग मशीन बरामद हुई है।

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बताया जाता है कि झारखंड में बैठा गिरोह का सरगना उक्त तीनों को एटीएम कार्ड की जानकारी और पिन नंबर उपलब्ध कराता था, इसके बाद यह एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर बैंक खातों से रकम निकल लेते थे। पुलिस के अधिकारियों की मानें तो यह तीनों पुलिस को चकमा देने के लिए दिल्ली में सिर्फ रकम निकलने के लिए आते थे। पुलिस तीनों से पूछताछ कर इनके साथियों का पता लगा रही है।

पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि सोमवार को दीपक सच्चर नाम के व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी थी कि प्रीत विहार इलाके में एटीएम से कैश निकालने गए थे। उस समय तीनों आरोपित मनोज, अमित व रोहित वहां पहुंचे और दीपक से उसका एटीएम कार्ड दिखाने को कहने लगे। आरोपितों ने कार्ड देखने के बहाने उसे बदल लिया, लेकिन दीपक ने आरोपितों को कार्ड बदलते देख लिया। इसके बाद उसने शोर मचा दिया। पास में गश्त कर रहे प्रीत विहार थाने के पुलिसकर्मियों ने तीनों को मौके पर दबोच लिया।

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

पुलिस पूछताछ में तीनों ने बताया कि वह झारखंड के रहने वाले हैं। मनोज व अमित ने बीए की पढ़ाई की है। गिरोह का सरगना झारखंड के जामताड़ा में है। वह लोगों के फोन पर कॉल कर उनसे धोखे से कार्ड की जानकारी ले लेता था। बाद में उस जानकारी को तीनों को दे दिया करता था। जामताड़ा से मिली जानकारी के आधार पर यह तीनों एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते थे। बाद में रकम निकलने के लिए दिल्ली आकर यहां के एटीएम बूथों से पीड़ितों के खातों की जांच करते थे। जिन खातों में ज्यादा पैसा होता, उन्हीं खातों से रकम निकाल लिया करते थे।


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