वृहद जलापूर्ति परियोजना से दो प्रखंडों की प्यास बुझेगी
जामताड़ा : जिले के नारायणपुर और करामाटांड़ प्रखंड में वृहद जलापूर्ति परियोजना का निर्माण्
जामताड़ा : जिले के नारायणपुर और करामाटांड़ प्रखंड में वृहद जलापूर्ति परियोजना का निर्माण किया जाएगा। प्रस्तावित वृहद जलापूर्ति योजना के तहत उक्त प्रखंड के सभी शत-प्रतिशत गांव एवं टोला में घर-घर जलापूर्ति की जाएगी। इस परियोजना को धरातल पर उतारने को लेकर जिला प्रशासन एवं पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ले पहल आरंभ कर दी है। पीएचइडी ने सर्व प्रथम करमाटांड़ प्रखंड में परियोजना निर्माण कार्य को शुरू करने को डीपीआर तैयार कर विभाग के मुख्य अभियंता के समक्ष अनुमोदन को भेजा है। परियोजना से संबधित प्रस्तुत डीपीआर का मुख्य अभियंता सत्यापन कर उसे अनुमोदित करेंगे। जबकि नारायणपुर प्रखंड में डीपीआर बनाने की प्रक्रिया आरंभ करने के लिए सर्वेक्षण व स्थल सत्यापन कार्य चल रहा है।
---- करमाटांड में 148 गांव तो नारायणपुर में 284 गांवों की बुझेगी प्यास : वृहद जलापूर्ति परियोजना के तहत करौं प्रखंड स्थित सिकटिया बराज में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। जहां बराज का पानी फिल्टर कर गांव के घर-घर पहुंचाया जाएगा। इसी प्रकार नारायणपुर प्रखंड में करमदाहा स्थित बराकर नदी के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। जहां से पूरे प्रखंड के 284 गांव व टोला में जलापूर्ति की जाएगी।
---- 145 करोड़ रुपये का डीपीआर : करमाटांड़ में 148 गांव एवं टोला के लिए प्रस्तावित वृहद जलापूर्ति परियोजना का डीपीआर तैयार हो चुका है। डीपीआर में उच्च क्षमता वाले 09 जल मीनार, जलापूर्ति पाइप बिछाने, जल संयोग देने का कार्य अनुमोदन मिलने के साथ किया जाएगा। सनद रहे कि इन दोनों प्रखंडों में खासकर गर्मी के दिनों में जलसंकट को लेकर त्राहिमाम की स्थिति रहती है। योजना चालू होने से जलसंकट से मुक्ति मिलेगी।
---- वर्जन : सरकार हर गांव व टोला में लोगों को शुद्व पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने को प्रयासरत है। इस दिशा में पहले चरण में जामताड़ा नपं व मिहिजाम नगर पार्षद में घर-घर जलापूर्ति योजना शुरू की गई है। चालू वित्तीय वर्ष में नारायणपुर व करमाटांड़ प्रखंड के सभी गांव को जलापूर्ति परियोजना से अच्छादित करने की तैयारी चल रही है। करमाटांड़ प्रखंड का डीपीआर तैयार कर मुख्य अभियंता के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। वहीं नारायणपुर में डीपीआर तैयार करने की पूर्व की प्रक्रिया पूरी की रही है। शीघ्र डीपीआर तैयार कर अनुमोदन को राज्य मुख्यालय भेजा जाएगा।
--सुरेंद्र कुमार दिनकर, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी