अफजलपुर व मोहनाबांक जर्जर सड़क की सदन में उठी आवाज
जगन्नाथ बाउरी नाला (जामताड़ा) नाला-अफजलपुर व मोहनाबांक सड़क इलाके के लोगों के लिए कई
जगन्नाथ बाउरी, नाला (जामताड़ा): नाला-अफजलपुर व मोहनाबांक सड़क इलाके के लोगों के लिए कई वर्षों से राहत देने के बजाए अभिशाप बनी हुई है। इसकी तस्वीर अब गड्ढों के रूप में बन कर रह गई है। नाला-अफजलपुर करीब 24 किमी सड़क की स्थिति मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रही है। लोग गिरते-पड़ते रहते हैं। इसे मरम्मत करवाने की आवाज सदन तक उठी, फिर भी इसकी दशा बदलने की पहल शासन-प्रशासन की ओर से अब तक नहीं हो पाई है। राहगीर व वाहन चालक अपनी जान रखकर सफर करने को विवश है।
वर्ष 2007-08 में आरईओ की ओर से सड़क की चौड़ीकरण सह निर्माण कार्य कराया गया था। लगभग बारह साल बीत जाने के बावजूद इस सड़क की मरम्मति नहीं की गई। किष्टोपुर से सारेसकुंडा ,मोरवासा पंचायत भवन से सारेसकुंडा, मालडीहा, केबलजोरिया,डाड़र धवाटांड़ चालेपाड़ा आदि दर्जनों गांवों के समीप सड़क पर गड्ढे उभरे हुए है।
बता दें कि यह सड़क नाला मुख्यालय ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल तक गई है। बीरभूम जिले व अन्य शहरों में आने-जाने के लिए मुख्य सड़क है। सड़क से मुख्य रूप से अफजलपुर, पहाड़पुर, मोहित नगर, किष्टोपुर, मालडीहा, बेगेजोरी, गदापियाल, लच्क्षमणपुर, केंदुआ, मोरवासा, सारसकुंडा, डाड़र ,धवाटांड़, आसनजोरी, कपासडंगाल आदि दर्जनों गांवों के लोगों की आवाजाही होती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में दर्जनों गांवों में दर्जनों से अधिक सड़कों का निर्माण किया गया। इसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए।
---जनता को केवल आश्वासन ही मिलता रहा : लोगों ने इस सड़क का निर्माण कराने को लेकर जनप्रतिनिधि तक अपनी बात बार-बार पहुंचाई। जनप्रतिनिधि भी सड़क से लेकर सदन तक सड़क निर्माण कार्य कराने के लिए आवाज बुलंद किए पर अब तक परिणाम ढाक के तीन पात ही निकले। रघुवर सरकार के कार्यकाल में भी सरकार के समक्ष तथा विधानसभा में स्थानीय विधायक रवींद्र नाथ महतो ने मरम्मत की मांग उठाई। परिणाम सिफर रहा। जबकि नाला मुख्यालय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास दो-दो बार पहुंचे। इस क्रम में स्थानीय समाजसेवी व नेताओं ने नाला-अफजलपुर व नाला-मोहनाबांक सड़क की मरम्मत की मांग रखी पर केवल आश्वासन ही मिला।
---क्या कहते हैं ग्रामीण : राज्य गठन के पहल से इस सड़क की जर्जर स्थिति है। लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते। भले ही 2007-08 में सड़क का निर्माण कराए जाने पर राहगीरों को दो-तीन साल तक सुविधा मिली पर उसके बाद से ही सड़क की गुणवत्ता की कलई खुलने लगी।
---रबीन साधु।
--- लंबे समय से सड़क का निर्माण कार्य नहीं कराए जाने पर सड़क के नाम पर केवल गड्ढ़े ही अधिकांश जगह दिखते हैं। अब लोगों में उम्मीद जगी है कि स्थानीय विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की पहल कर सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा।
---तपन तिवारी।