मुंबई में फंसे मजदूरों का भूख से हाल बेहाल
विद्यासागर (जामताड़ा) वैश्विक महामारी कोरोना को ले लागू राष्ट्रीय लॉकडाउन के कारण विद्यासागर के 6 से ज्यादा मजदूर मुंबई में फंसे हैं। इन्हें खाने-पीने तक की सामग्री उपलब्ध नहीं है। इन मजदूरों को कोरोना वायरस से ज्यादा भूख का डर सता रहा है। दो-तीन दिनों में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की गई तो भूख से तड़पकर मरने की नौबत उत्पन्न हो सकती है।
विद्यासागर (जामताड़ा) : वैश्विक महामारी कोरोना को ले लागू राष्ट्रीय लॉकडाउन के कारण विद्यासागर के 6 से ज्यादा मजदूर मुंबई में फंसे हैं। इन्हें खाने-पीने तक की सामग्री उपलब्ध नहीं है। इन मजदूरों को कोरोना वायरस से ज्यादा भूख का डर सता रहा है। दो-तीन दिनों में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की गई तो भूख से तड़पकर मरने की नौबत उत्पन्न हो सकती है। मुंबई के सांताक्रूज हनुमान संघ गजदर कॉलोनी में जिले के विद्यासागर प्रखंड के कुल 6 मजदूर फंसे हुए हैं। उक्त मजदूरों ने मुंबई से झारखंड पहुंचाने की व्यवस्था करने की मांग की है। यदि यह संभव नहीं है तो मुंबई में ही सरकार खाने-पीने की व्यवस्था करने की मांग की है।
मजदूरों का कहना है कि जब तक घर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार हम लोगों की मदद करें। दो से तीन दिनों के अंदर यदि यह व्यवस्था नहीं हो सकी तो कोरोना से तो बाद में उसके पहले ही भूख से ही मौत हो जाएगी। यह गुहार लॉकडाउन एवं कर्फ्यू के दौरान मुंबई में फंसे मजदूरों ने लगाई है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने जो टोल फ्री नंबर दिए हैं वह हमेशा बंद ही बताया जाता है जिससे हम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पिछले दिन फेसबुक के माध्यम से विद्यासागर करमाटांड़ के लोगों के साथ संपर्क साधा तथा जागरण से इस बात की जानकारी साझा किया।
मुंबई में फंसे मजदूरों में अमृत मंडल, रोहित मंडल, मिथुन मंडल, उमेश मंडल, संतोष मंडल व अंग्रेज मंडल ने बताया कि रोजी-रोटी के मुंबई आते हैं जहां मजदूरी करते हैं परंतु कर्फ्यू एवं लॉकडाउन के कारण सभी कार्य बंद हैं, ऐसे में जिससे रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। अब स्थिति यह है कि न तो घर से बाहर निकल सकते हैं और न ही काम कर सकते हैं।