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जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पबिया के अच्छे दिन की शुरुआत

मुरली पहाड़ी (जामताड़ा) खंडहर में तब्दील शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सह जिला शिक्षा प्रशि

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:27 PM (IST)
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पबिया के अच्छे दिन की शुरुआत
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पबिया के अच्छे दिन की शुरुआत

मुरली पहाड़ी (जामताड़ा) : खंडहर में तब्दील शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सह जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान पबिया के अच्छे दिनों के आने की शुरुआतहो गई है। राज्य सरकार की नजर-ए-इनायत मृत पड़ी संस्थान पर हुई है। वर्ष 1908 में स्थापित संस्थान में नए भवन तथा चहारदीवारी के निर्माण के लिए स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने महालेखाकार झारखंड को पत्र भेजा है। शिक्षा विभाग ने महालेखाकार को पत्र के माध्यम से उक्त संस्थान में अकादमिक सह प्रशासनिक भवन तथा छात्रावास भवन और चहारदीवारी के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति की मांग की है। विभाग ने इस संस्थान के दिन बहुरने के लिए कदम उठा लिया है। यहां के खंडहर भवनों और टूटे हुए बाउंड्री के स्थान पर आलीशान भवन तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए दो करोड़ 88 लाख 36400 के बजट का प्रावधान किया है।

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विभाग ने इसके निर्माण के लिए सारी प्रक्रिया को पूर्ण करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द ही यहां नई इमारत बनाने के लिए टेंडर निकाला जाएगा। विभागीय सचिव राजेश कुमार शर्मा ने राज्य सरकार के निर्देश पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उन्होंने पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा कार्यालय को भी इसकी सूचना दी है। गौरतलब हो कि इस शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय ने देश के विभिन्न राज्यों में हजारों शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर नौकरी दिलायी है। समाज में शिक्षा की अलख जगाने के लिए इस संस्थान ने यहां से एक से बढ़कर एक शिक्षक को देकर अपनी महती भूमिका निभाई है।

संयुक्त बिहार के दौरान वर्ष 2000 में यहां से अंतिम 100 शिक्षक प्रशिक्षण हासिल कर निकले हैं। उसके बाद से ही इस संस्थान की मान्यता समाप्त हो गयी थी। हालांकि यहां कई प्राध्यापक तथा कर्मी ड्यूटी पर थे, लेकिन शिक्षकों का प्रशिक्षण कोर्स यहां बंद हो जाने के कारण यह संस्थान धीरे-धीरे देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील होता गया। करीब 14 एकड़ भू-भाग में फैले इस संस्थान को नए सिरे से खड़ा करने के लिए सरकार की यह सकारात्मक पहल रंग ला सकती है।


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