आदिम जनजातीय इलाकों में ढूंढे जाएंगे टीबी मरीज
जामताड़ा : यक्ष्मा विभाग की टीम आदिम जनजाति के इलाकों में घर-घर भ्रमण कर महिला-पुरुष के
जामताड़ा : यक्ष्मा विभाग की टीम आदिम जनजाति के इलाकों में घर-घर भ्रमण कर महिला-पुरुष के बलगम की नमूना संग्रह करेगी। इस निमित यक्ष्मा विभाग ने ऐसे गांवों या पंचायतों को चिह्नित कर लिया है। इस अभियान के तहत मरीज को चिह्नित कर उसके घर पर ही उपचार की सुविधा मुहैया करायी जाएगी। शुक्रवार से अभियान की शुरुआत होगी।
व्यवस्था से अनभिज्ञ : जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार जागरूकता की कमी समेत अन्य कारणों से स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं। यक्ष्मा विभाग अब जानजातीय इलाकों में संभावित टीबी मरीजों की तलाश करेगा। जिले के मिहिजाम स्थित केवट जाली, जामताड़ा स्थित सोनबाद, करमाटांड़ के नावाडीह, मोजपुर आदि आधा दर्जन गांव है जहां संभावित मरीजों का बलगम नमूना संग्रह किया जायेगा। नमूना की जांच प्रखंड सामुदायिक अस्पताल में स्थापित जांच घर में की जाएगी। पॉजिटिव पाये जाने पर टीम के सदस्यों की देखरेख में दवा उसके घर पर उपलब्ध करायी जाएगी। सहिया अपनी उपस्थिति में मरीज को दवा खिलाएगी।
-छह टीम गठित : टीबी संभावित व्यक्तियों का बलगम नमूना संग्रह कार्य के लिए छह टीम गठित की गई है। प्रत्येक टीम में चार सदस्य हैं। तीन सहिया व एक सामाजिक व स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। टीम की भ्रमण गतिविधियों का अनुश्रवण यक्ष्मा पर्यवेक्षक व पदाधिकारी करेंगे। नमूना संग्रह के एवज में टीम के सदस्यों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
अब तक 21 मरीज मिले : 5 से 19 सितंबर तक संपन्न हुए अभियान में 100 संभावित मरीजों का नमूना संग्रह कर जांच की गई। इसमें 21 मरीज चिह्नित किए गए। इन मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है।
--- वर्जन :
सभी आदिम जनजातीय इलाकों में टीबी मरीज खोज अभियान चलाया जाना है। जिला व प्रखंड स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई है। डोर टू डोर भ्रमण को छह टीम गठित की गई है। संभावित मरीजों के बलगम जांच को नमूना संग्रह किया जाएगा।
डॉ. डीके अखौरी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जामताड़ा