टर्मिनेटर का छिड़काव कर धान व सब्जी को कीड़ों से बचाएं
जामताड़ा : ¨भडी, करेला की सब्जी लगाए हैं, लेकिन उसमें फलन नहीं हो रहा है, सूख रहा है
जामताड़ा : ¨भडी, करेला की सब्जी लगाए हैं, लेकिन उसमें फलन नहीं हो रहा है, सूख रहा है या फिर धान के पौधे सूख रहे हैं व तना छेदक कीड़ा लग चुका है तो बचाव में क्लोरोपेरिफॉस या टर्मिनेटर दवा का छिड़काव करें। दवा में निर्धारित मात्रा में ही पानी मिलाएं। खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ानी है तो पहले मिट्टी की जांच अवश्य करें। जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद आदि का उपयोग करें तो स्वत: उर्वरा शक्ति बढ़ने लगेगी। यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि संबंधित मिट्टी में कौन से सी खेती बेहतर व फायदेमंद हो सकती है। केंचुआ खाद बनाने की विधि काफी सरल है। कोई भी किसान इसे कम खर्च में खुद बना सकते हैं। इस खाद के उपयोग से भूमि में उर्वरा शक्ति के साथ उपज में भी बढ़ोतरी होगी। यह सुझाव दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सह कृषि वैज्ञानिक संजीव कुमार ने दूरभाष पर किसानों को दिया।
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सवाल : दो माह पूर्व खेत में स्वर्णा धान लगाए। अब धान के पौधों का विकास रुक गया है। क्या करें?
पवन मंडल नारायणपुर।
जवाब : खेत में पानी नहीं है तो पौधों में वृद्धि रुकेगी ही। पानी की व्यवस्था शीघ्र करें। अभी पौधों में मजबूती आने का समय है। ऐसे में खेत सूखा नहीं रहना चाहिए। खेत में अगर पानी है, तो नाइट्रोजन की कमी के चलते पौधों का विकास नहीं हो रहा है। ऐसे में ,खेत में यूरिया का छिड़काव कराएं।
सवाल : खेत में धान के पौधे सूख रहे हैं। तना छेदक कीड़ा लग चुका है। पौधों को सड़न से कैसे बचाएं?
हफीज अंसारी, जेरुवा।
जवाब : डेढ़ लीटर क्लोरोपेरिफॉस दवा खरीद कर उसमें 800-1000 लीटर पानी मिलाकर घोल बनाने लें। एक हेक्टेयर की खेती में इस मात्रा में उक्त दवा का छिड़काव करें। खेत का क्षेत्रफल ज्यादा है तो दवा का घोल उसी अनुपात में बनाएं।
सवाल : एक एकड़ में आम व लीची का पौधा लगाए हैं। कीड़ा लगा गया है, पत्ता झड़ रहा है। क्या उपाय करें?
विकास पांडेय धर्मपुर।
जवाब : पौधे काफी घना लगाने की वजह से यह समस्या आई है। लंगड़ा, मालदा प्रजाति के आम के पौधे कम से कम तीस-तीस फीट की दूरी पर लगाएं। आम्रपाली के पौधों के लिए 15-15 फीट की दूरी जरूरी है। तभी पौधों की जड़ तक सूर्य की किरण पहुंच पाएगी। यदि अब नजदीक में पौधे लगाए जा चुके हैं तो उसकी क¨टग-श¨टग करें। ताकि सूर्य की किरण पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
सवाल : कुरथी की खेती करनी है, खाद का उपयोग कैसे करें? पंकज कुमार ¨सह, बिंदापाथर।
जवाब : कुरथी समेत सभी तिलहन फसल परती भूमि में लगाएं। प्रति बीघा डीएपी का उपयोग 15 किलो करें। इससे नाइट्रोजन व फॉस्फेट का लाभ मिलेगा। फिर यूरिया का उपयोग कतई न करें। अगर एक बीघा से कम में खेती करनी है तो उसी अनुरूप उक्त खाद डालें। एक बीघा 42 डिसमिल के बराबर होता है।
सवाल : ¨भडी, करेला की सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। पौधों में कीड़ा लगा गया है, कैसे बचाएं?
नंदलाल मंडल, नारायणपुर।
जवाब : कीड़ों से पौधों को बचाने का उपाय तत्काल करें, अन्यथा फलन नहीं हो पाएगा क्लोरोपेरिफॉस या फिर टर्मिनेटर नामक दवा का छिड़काव कर सकते हैं। एक कट्ठा की खेती के लिए 5-6 लीटर पानी में उक्त दवा 10-12 एमएल मिला कर घोल तैयार करें फिर उसका छिड़काव करें। बड़े क्षेत्रफल में खेती की जा रही है तो दवा की मात्रा उसी अनुपात में बढ़ाएं।
सवाल : भूमि की उर्वरा शक्ति कैसे बढ़ेगी? राजकिशोर ओझा, कमलडीह।
जवाब : कमलडीह के नजदीक नारायणपुर प्रखंड मुख्यालय में ¨सगल ¨वडो इकाई जाकर पहले अपने खेत की मिट्टी की जांच कराएं। खेत से मिट्टी का नमूना तब लें जब फसल कट चुकी हो। एक खेत के आठ-दस विभिन्न स्थानों से 15 सेंटीमीटर तक खोदाई कर मिट्टी संग्रह करें। फिर सभी मिट्टी को मिलाकर उसमें से एक किलो मिट्टी अपने साथ ले जाकर जांच कराएं। जांच रिपोर्ट से पता चल जाएगा कि खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए क्या उपाय करना होगा। जांच से यह भी स्पष्ट होगा कि संबंधित खेत में किस तरह की फसल बेहतर हो सकती है।
सवाल : धान के पौधों का पत्ता लाल रंग लेकर सूख रहा है, क्या उपाय करें? जगन्नाथ भंडारी, फतेहपुर।
जवाब : खेत में पानी है तो यूरिया डलवाएं। क्लोरोपेरिफॉस या फिर दानेदार दवा फोरेट टेन जी दवा का उपयोग करें। साफ नामक दवा का भी उपयोग सौ ग्राम कर सकते हैं। फोरेट टेन जी दवा प्रति हेक्टेयर दस किलो तक छिड़काव कर सकते हैं। इससे बकया रोग भी दूर हो जाएगा।
सवाल : बैंगन के पौधों में कीड़ा लग गया है। सब्जी की खेती बर्बाद हो रही है? कैसे पौधों को बचाएं? निलेश हेंब्रम, बिंदापाथर।
जवाब : पौधों में अगर फलन हो गया है तो रासायनिक दवा का उपयोग कतई न करें। पौधा सूख रहा है, कीड़ा लग गया है तो बाजार में साफ नामक दवा मिलती है। एक लीटर पानी में एक ग्राम दवा मिलाकर उसका छिड़काव करें। स्ट्रेपटोक्लीन व कार्बेंडाजिम दवा मिलाकर पौधों में बढि़या से छिड़काव करें।
सवाल : बारिश के अभाव में वैकल्पिक खेती कैसे करें? तपन कुमार गोरांई, नाला।
जवाब : ऊपरी जमीन पर दलहनी फसल लगाएं। इसमें पानी की जरूरत कम पड़ती है। बरसात में अरहर की खेती करें उसमें तुरंत पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। दलहनी फसल के साथ अंतरवर्ती फसल भी लगाएं। मसलन अरहर के साथ मक्का की भी खेती करें। उसी खेत में लत्ता से जुड़ी सब्जी की भी उपज कर सकते हैं।
इन्होंने भी किया सवाल : जामताड़ा के शुभम ¨सह ने जैविक खाद बनाने, इसके लाभ व हानि से जुड़े सवाल कृषि वैज्ञानिक से किए। वहीं डुमरिया के निर्मल मंडल, सुशील मरांडी, नरोत्तम मंडल, पवन मंडल, दिलीप ओझा, मोहन रजवार आदि किसानों ने भी धान की फसल को बीमारी से बचाने के उपाय पूछे।