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एसएमसी सदस्यों को स्कूलों में मिलेगा प्रशिक्षण

जामताड़ा विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को मिले व शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो इस निमित स्कूल प्रबंधन समिति को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है। पूर्व में स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों को प्रखंड व संकुल स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता था। गांव से प्रशिक्षण स्थल की दूरी अधिक रहने के कारण सदस्य प्रशिक्षण में रूचि नहीं रखते थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 06:26 PM (IST)
एसएमसी सदस्यों को स्कूलों में मिलेगा प्रशिक्षण
एसएमसी सदस्यों को स्कूलों में मिलेगा प्रशिक्षण

जामताड़ा : विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को मिले व शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो इस निमित स्कूल प्रबंधन समिति को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है। पूर्व में स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों को प्रखंड व संकुल स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता था। गांव से प्रशिक्षण स्थल की दूरी अधिक रहने के कारण सदस्य प्रशिक्षण में रूचि नहीं रखते थे। अब सदस्यों को संबंधित विद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम चरण में जिले के 49 उत्क्रमित उच्च व उच्च विद्यालय, दो प्लस टू विद्यालय एवं एक प्राथमिक विद्यालय शामिल है। प्रत्येक विद्यालय के समिति 16 सदस्य शामिल हैं। प्रशिक्षण क्रियान्वयन को लेकर विभागीय तैयारी पूर्ण कर ली गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी से तिथि की स्वीकृति के उपरांत प्रशिक्षण शुरू होगी। प्रशिक्षण प्रभावी हो इस निमित संबंधित संकुलों के सीआरपी को प्रशिक्षक बनाया गया है।

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--- प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शिक्षा व समाज का संबंध, विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन, अधिकार और कर्तव्य, शिक्षा के अधिकार का अधिनियम, कल्याणकारी योजनाओं का विवरण, विद्यालय भवन निर्माण समिति, सक्षम प्लस कार्यक्रम आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की मॉनिटरिग जिला परियोजना पदाधिकारी व सहायक परियोजना पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी करेंगे। विभागीय प्रयास होगा कि समिति में शामिल महिलाओं की शतप्रतिशत उपस्थिति प्रशिक्षण में सुनिश्चित हो। प्रशिक्षक एसएमसी संबंधित विषयों की पूरी जानकारी से समिति सदस्यों को अवगत कराएंगे इस निमित प्रशिक्षक को विभागीय निर्देश दिया गया है।

प्रशिक्षण का उद्देश्य : स्कूलों के विकास में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के मकसद से प्रबंध समिति गठित की गई हैं। समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष व सदस्य अभिभावक को बनाया गया है जबकि प्रधानाध्यापक को सचिव बनाया गया है। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी 40 प्रतिशत रखी गई है। स्कूलों में गठित प्रबंध समितियों को वित्तीय अधिकार के साथ स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों एवं मध्याह्न भोजन पर नजर रखने का दायित्व सौंपा गया है। जिले में तमाम समितियां अपने कर्तव्य एवं दायित्वों के प्रति अनभिज्ञ बनी हुई हैं। गत माह में शासन ने स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व एक निर्वाचित सदस्य को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। प्रशिक्षण संपन्न करने को लेकर राज्य मुख्यालय ने जिला कार्यालय को राशि आवंटित किया है।

-- वर्जन :

स्कूलों के विकास में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के मकसद से प्रबंध समिति को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण के क्रम में शिक्षा विभाग के तहत मिलनेवाली राशि व उसके खर्च करने के बारे में बताया जाएगा। वहीं स्कूल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने व शैक्षणिक वातावरण निर्माण करने में सदस्यों का दायित्व एवं कर्तव्य के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी सप्ताह प्रशिक्षण शुरूहोगा। प्रशिक्षण विद्यालय स्तर पर आयोजन करने का निर्णय लिया गया है।

- उज्जवल मिश्र,एपीओ एसएसए।


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