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अतिक्रमण से घट गया हिरणागौड़ा तालाब का आकार

जामताड़ा : शहर के बीच न्यू टाउन में हिरणागोड़ा चर्चित तालाबों में एक है। यह तालाब सामाजिक व अध्यात्मिक

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 06:55 PM (IST)
अतिक्रमण से घट गया हिरणागौड़ा तालाब का आकार
अतिक्रमण से घट गया हिरणागौड़ा तालाब का आकार

जामताड़ा : शहर के बीच न्यू टाउन में हिरणागोड़ा चर्चित तालाबों में एक है। यह तालाब सामाजिक व अध्यात्मिक महत्व भी है। तालाब के आसपास कई मोहल्ला स्थित है। नतीजतन आसपास के लोग उक्त तालाब में स्नान से लेकर धार्मिक अनुष्ठान तक का कार्य पूरा करते हैं। तालाब की चारों दिशाओं में मेड पर आवासीय भवन बने है। शहर के नाला का प्रवेश होने के कारण तालाब की स्थिति बदतर होती जा रही है। वर्तमान में भवन निर्माण व कचरे के प्रवेश से तालाब का आकार छोटा हो गया है। गहराई भी कम हो गई है। तालाब के पूर्वी व पश्चिमी किनारे कचरा का ढेर है। पानी दूषित हो चुका है। ऐसे में लोग चाह कर भी स्नान व घरेलू कार्य में तालाब के पानी का उपयोग नहीं करते हैं। अतिक्रमण व अनदेखी का दंश झेल रहे इस अहम तलाब का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो इसका अस्तित्व बहुत दिन तक सुरक्षित नहीं रह पाएगा।

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फिलहाल तालाब की बदनियती यह है कि चारों तरफ से मेड पर ही लोग आवास का निर्माण करने से परहेज नहीं रख रहे हैं। ऐसे में हर दिशा से बारिश के पानी का बहाव प्रवेश पर रोक लग गई है। तालाब गर्मी में सूखे की चपेट में आज जाता है। फिलहाल तालाब में कम ही पानी है। ऐसे में तालाब को बचाने के लिए इसके जीर्णोद्धार के साथ वर्षा के पानी के प्रवेश की व्यवस्था बनानी जरूरी है। इलाके के जलस्तर को भी काफी नुकसान पहुंचेगा। फिर जलसंकट की स्थिति और भयावह होगी।

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-जल संरक्षण में तालाब का अहम योगदान है। फिलहाल हिरणागोड़ा तालाब विभागीय व स्थानीय स्तर से ही उपेक्षित हो चुका है। इसके अस्तित्व बचाने के लिए स्थानीय लोगों को विभागीय मदद लेनी चाहिए। अन्यथा जल संकट से निजात नहीं मिलेगी।

--सुनील बाउरी, फोटो न. 21

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-शहरीकरण के कारण हिरणागोड़ा तालाब की स्थिति बदतर हुई है। इसका दूरगामी परिणाम लोगों पर पड़ेगा। लोग जल संरक्षण के प्रति रुचि पैदा कर तालाब का जीर्णोद्धार मिलकर कराएं। तालाबों में लबालब पानी रहेगा तभी जल स्तर बेहतर बना रहेगा। -अंगद ¨सह,फोटो न. 22

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-मकान बनाने की अंधी दौड़ की वजह से शहरी क्षेत्र के तालाब लगातार उपेक्षित हो रहा है। नाला के माध्यम से दूषित जल व कचरा तालाब की गहराई व स्वच्छ पानी को नष्ट कर रहा है। स्थानीय लोगों को इस दिशा में वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर हिरणागौड़ा तालाब के सुंदरीकरण की पहल करें।

-नरेश स्वर्णकार,फोटो न. 23

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- जल स्त्रोतों को संरक्षित करना सामाजिक व विभागीय जिम्मेदारी है। हिरणागौड़ा तालाब के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण की पहल नहीं की गई। वर्तमान में तालाब का जीर्णोद्धार जरूरी है। स्थानीय लोग भी सहयोग करेंगे। -रमेश राउत,फोटो न. 24


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