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रामलीला में रावण वध का हुआ मंचन

विद्यासागर (जामताड़ा) विद्यासागर (करमाटांड़) प्रखंड क्षेत्र के काशीटांड़ गांव में धर्म प्रचारक मंडल इलाहाबाद प्रयागराज के तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय रामलीला महोत्सव के नौवें दिन रावण वध का मंचन किया। दृश्य आरंभ होते ही वंशजों के लगातार मारे जाने से लंका पति रावण चितित है। महाबलशाली पाताल लोक के राजा अहिरावण के पास जाकर उन्हें राम से युद्ध करने को भेजता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 06:18 AM (IST)
रामलीला में रावण वध का हुआ मंचन
रामलीला में रावण वध का हुआ मंचन

विद्यासागर (जामताड़ा) : विद्यासागर (करमाटांड़) प्रखंड क्षेत्र के काशीटांड़ गांव में धर्म प्रचारक मंडल इलाहाबाद प्रयागराज के तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय रामलीला महोत्सव के नौवें दिन रावण वध का मंचन किया। दृश्य आरंभ होते ही वंशजों के लगातार मारे जाने से लंका पति रावण चितित है। महाबलशाली पाताल लोक के राजा अहिरावण के पास जाकर उन्हें राम से युद्ध करने को भेजता है। अहिरावण विभीषण का रूप धारण कर राम के शिविर में पहुंचते हैं सभी बानरों को संबोधन मंत्र से बेहोश कर राम लक्ष्मण को चुराकर पाताल लोक ले जाता है और अपने यज्ञशाला में दोनों भाइयों की बलि चढ़ाने के लिए यज्ञ करता है। इसी बीच पवन पुत्र हनुमान पाताल लोक पहुंच जाते हैं द्वार पर उनके ही अंश मकरध्वज उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं और दोनों के बीच घमासान युद्ध होता है। युद्ध में हनुमान मकरध्वज को परास्त कर बंदी बना लेते हैं और बाद में रावण की सारी शक्ति छीनकर तथा उसका वध कर राम लक्ष्मण को सकुशल शिविर में वापस ले आते हैं। अहिरावण की मृत्यु का समाचार पाकर रावण गुस्से से क्रोधित होता है और स्वयं भी रणभूमि में राम से युद्ध करने पहुंच जाता है। रावण अस्त्रों से राम की वानरी सेना को पछाड़कर भगाने लगता है राम अपने वाणों से रावण के सिर और भुजा को काटकर धरती पर गिरा देते हैं। कटी भुजाओं व सिर की जगह नए सिर व भुजाएं पुन: बन जाते हैं। जिसे देखकर राम चितित होते हैं। विभीषण से रहस्य हासिल कर एक साथ 31 वाण छोड़ते हैं जिससे रावण के दसों शीष, बीसों भुजाएं एक बाण उसके नाभी में लगता है जिससे नाभी का अमृत सूख जाता है और वह एक कटे वृक्ष की तरह धरती पर गिरता है। रावण वध के बाद राम विभीषण को लंका का राजा बनाकर अयोध्या लौट आते हैं। कार्यक्रम का संचालक शिव नारायण, व्यास हरि महाराज व मैनेजर उमाशंकर सिंह के टीम द्वारा संगीतमय रामलीला का आयोजन किया। रामलीला आयोजन को लेकर पूरे गांव में भक्ति की अविरल धारा बह रही है लोग देर रात तक रामलीला का आनंद ले रहे हैं।

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