Move to Jagran APP

नारायण अवतार ने किया पापियों का संहार

प्रखंड क्षेत्र के देवलबाड़ी में आयोजित बांग्ला कीर्तन का मंगलवार रात्रि में समापन हुआ। कीर्तन मंडली के पीहू आचार्य की टीम ने बांग्ला भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान नारायण के लीला का गुणगान किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 06:28 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 06:28 PM (IST)
नारायण अवतार ने किया पापियों का संहार
नारायण अवतार ने किया पापियों का संहार

नारायणपुर (जामताड़ा) : प्रखंड क्षेत्र के देवलबाड़ी में आयोजित बांग्ला कीर्तन का मंगलवार रात्रि में समापन हुआ। कीर्तन मंडली के पीहू आचार्य की टीम ने बांग्ला भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान नारायण के लीला का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि जब अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के शब्दभेदी वाण से श्रवण कुमार की मौत हुई तो उन्हें श्रवण कुमार के माता-पिता ने श्राप दिया था। श्राप में कहा कि महाराज दशरथ की भी मृत्यु पुत्र वियोग में होगी। श्राप से महाराज दशरथ खुश भी थे और निराश भी थे। महाराज दशरथ की तीन नारियां थीं परंतु उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी। संतान होने की खुशी थी परंतु पुत्र वियोग में मरने के श्राप से वे दुखी भी हुए। नियती के आगे किसी की नहीं चलती है। पुत्र प्राप्ति  के  लिए अयोध्या में यज्ञ हुआ और महाराज दशरथ को रानी कौशल्या से राम, कैकई से भरत और रानी सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुध्न हुए। उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर पापियों का साम्राज्य स्थापित हुआ है तब-तब भगवान नारायण ने अवतार लेकर पापियों का संहार किया है। दुराचारी रावण का अंत करने के लिए भगवान ने अवतार लिया था। आयोजन को सफल बनाने में उत्तम मंडल, मोहित मंडल, श्रीनिवास मंडल, परेश दास, नरेश दास, कृष्णा दास आदि की महती भूमिका रही।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.