नमूना जांच नहीं होने से रेफर हो रही गर्भवती मरीज
संवाद सहयोगी जामताड़ा सदर अस्पताल में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं रहने के कारण गर्भवती
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : सदर अस्पताल में कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं रहने के कारण गर्भवती तथा सिजेरियन महिलाओं का सदर अस्पताल से दिन प्रतिदिन रेफर होता जा रहा है। ऐसे में अस्पताल की साख पर बट्टा लग रहा है। वहीं गरीब मरीज निजी नर्सिंग होम में आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।
सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में गुलशन आरा, कंचन देवी, सुमित्रा देवी, लीलमुनि किसको, सुबोध बास्की आदि महिलाओं ने बताया कि वैश्विक महामारी की विषम परिस्थिति में सदर अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व ही कोरोना की जांच की जाती है। लेकिन सदर अस्पताल में रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अस्पताल के लैब टेक्नीशियन गर्भवती महिला तथा गंभीर मरीजों का नमूना संग्रह कर ट्रूनेट जांच के लिए कोरोना अस्पताल उदल बनी भेजता है। वहां से 24 घंटे के बाद जांच रिपोर्ट आती है। जांच रिपोर्ट आने में 24 घंटा विलंब होने के कारण गर्भवती महिला तथा सिजेरियन महिला प्रसव पीड़ा से त्राहिमाम त्राहिमाम करती रहती हैं। ऐसे में महिला के परिजन निजी अस्पतालों में प्रसव तथा सिजेरियन कराने को विवश हा रहे।
कोरोना जांच की इस लचर व्यवस्था की वजह से प्रति दिन सदर अस्पताल से दो-तीन गर्भवती महिलाएं विवश होकर प्रसव तथा सिजेरियन के लिए निजी नर्सिंग होम का रास्ता नापती हैं। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि सरकार ने आपातकालीन स्थिति में नमूना जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की व्यवस्था की है। इस किट के माध्यम से 30 मिनट में तत्काल नमूना जांच होता है। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि लैब तकनीशियन रामलाल को कई बार निर्देशित किया जा चुका है कि कोरोना अस्पताल से रैपिड एंटीजन जांच किट उपलब्ध कर आपातकालीन सेवा वाले मरीजों का नमूना जांच सदर अस्पताल में करें। लेकिन अब तक जांच किट उपलब्ध कराने में तकनीशियन भी विफल रहा है। इस बाबत सोमवार को भी सिविल सर्जन को पत्राचार किया गया है। इधर जिला महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत कुमार दुबे ने बताया कि जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल में 2821 रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध है। सदर अस्पताल से अब तक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की मांग नहीं की गई है।