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सांसारिक मायाजाल में भगवान को नहीं भूलें

संवाद सूत्र बिदापाथर (जामताड़ा) फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत सिमसडूबी पंचायत के बड़वा गांव स्थित र

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 08:35 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:43 AM (IST)
सांसारिक मायाजाल में भगवान को नहीं भूलें
सांसारिक मायाजाल में भगवान को नहीं भूलें

संवाद सूत्र, बिदापाथर (जामताड़ा) : फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत सिमसडूबी पंचायत के बड़वा गांव स्थित राधा गिरिधारी मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक सौनेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने भागवत कथा में परीक्षित का जन्म, सुकदेवजी का आगमन, बिदुर जी का वानप्रस्थ गमन, महाभारत प्रसंग आदि का व्याख्यान किया।

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उन्होंने कहा कि शास्त्र के अनुसार उत्तरा के गर्भ में परीक्षित नामक बालक के जन्म का वर प्राप्त था। संयोगवश उत्तरा ने मृत बालक को जन्म दिया। मृत बालक को जीवंत करने की आस से उत्तरा भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष पहुंच कर याचना की तब श्रीकृष्ण ने उत्तरा से कहा कि पुत्री तुम्हारे इस बालक की रक्षा गर्भ में की है तो भला अब कैसे मरने दूंगा। इतना कहकर श्रीकृष्ण ने उस बालक पर अपनी अमृतमयी दृष्टि डाली और बोले यदि मैंने कभी झूठ नहीं बोला है सदा ब्रह्मचर्य व्रत का नियम से पालन किया है, युद्ध में कभी पीठ नहीं दिखाई है, मैंने कभी भूल से भी अधर्म नहीं किया है तो अभिमन्यु का यह मृत बालक जीवित हो जाए। बालक जीवित हो गया। कहा कि सभी युगों में धर्म की जीत हुई है। सांसारिक जीवन के मायाजाल में पड़कर भगवान को नहीं भूलना चाहिए। गीता में लिखा है हम जैसा कर्म करेंगे उसी के अनुसार हमें फल की प्राप्ति होगी। भागवत कथा को लेकर बड़वा सहित आसपास के गावों में भक्ति का माहौल बना हुआ है।


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