बैंक डकैतों की हुई पहचान, लेकिन गिरफ्तारी के लिए वक्त नहीं
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : करमाटांड़ के कालाझरिया स्थित एसबीआइ की शाखा में एक सप्ताह प
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : करमाटांड़ के कालाझरिया स्थित एसबीआइ की शाखा में एक सप्ताह पहले हुई सवा चार लाख की डकैती के पुलिसिया अनुसंधान पर मुहर्रम व पीएम नरेंद्र मोदी के रांची के दौरे का असर पड़ चुका है। जिला पुलिस के कई तेज-तर्रार पदाधिकारियों पर इस कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी है। मगर पुलिस के सामने मुहर्रम शांति पूर्ण से संपन्न करवाने की चुनौती थी। उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी के 23 तारीख को हो रहे रांची आगमन को लेकर विधि-व्यवस्था कायम रखने की भी जिम्मेदारी आ गई। यानी अपराधियों को दबोचने का वक्त पुलिस के पास फिलहाल नहीं है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो बैंक डकैती में शामिल पांच अपराधियों में से एक का स्पष्ट चेहरा सीसीटीवी फुटेज में दिख चुका है। शेष चार अपराधियों की तस्वीर धुंधली है।अपराधियों की तस्वीर एसपी डॉ. जया रॉय ने रेड कॉर्नर पर भी भेजी। इसके जरिए अपराधियों की पहचान में बिहार-झारखंड समेत अन्य राज्यों के जिलों से भी सहयोग लिया गया। तीन अपराधियों की पहचान कर ली गई है मगर उन्हें दबोचने के लिए वक्त चाहिए।चार दिन पूर्व पूरी हुई पहचान की कार्रवाइयों के बाद ही एसपी ने चार टीमों में दो टीम को बिहार के विभिन्न जिलों और दो टीमों को गिरिडीह, देवघर, बोकारो में छापेमारी के लिए भेजा था। टीम की अगुवाई एसडीपीओ बीएन ¨सह, इंस्पेक्टर धनंजय ¨सह, बाल्मीकि ¨सह, थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार ¨सह कर रहे थे।टीम दो दिनों से जिला मुख्यालय में ही है।
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गया व गिरिडीह में छापेमारी
बैंक डकैती के तीसरे दिन से ही गया व गिरिडीह जिले में पुलिस की टीम अपराधियों के कई संभावित ठिकानों में छापेमारी की। गिरिडीह के जिस अपराधी को दबोचने के लिए पुलिस तत्पर है वह बैंक लूट व डकैती कांडों को पहले भी अंजाम दे चुका है। वह लंबे अर्से से फरार है। एक अन्य जिस अपराधी की तलाश जामताड़ा पुलिस गंभीरता से कर रही है, उसका पूर्व में नाम मिहिजाम बैंक ऑफ बड़ौदा से 59 लाख की लूट में आ चुका है। बिहार में इसी अपराधी की तलाश में खाक छान कर टीम लौटी है। पुलिस की मानें तो एसबीआइ में डकैती को पंद्रह मिनट में ही अंजाम देने वाले पांच अपराधियों में से तीन को दबोचने के लिए पुलिस को संभावित ठिकानों में नियमित निगरानी करनी होगी। बिहार व झारखंड के चार जिलों में कम से कम चार-पांच दिन का समय खपाना होना। मुहर्रम व पीएम के दौरा कार्यक्रम को लेकर पुलिस की व्यस्तता बढ़ी। है। इससे फुर्सत होने के बाद ही वह फरार डकैतों का पीछे कर पाएगी।