1100 चापाकलों ने पानी उगलना किया बंद
जामताड़ा गर्मी में जलसंकट से बचाव को खराब चापाकलों की मरम्मत जिले के सभी प्रखंड में शुरू
जामताड़ा : गर्मी में जलसंकट से बचाव को खराब चापाकलों की मरम्मत जिले के सभी प्रखंड में शुरू हो चुका है। अभियान के तहत पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने जिले में खराब चापाकलों की सूची तैयार कर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी खराब चापाकल की अनुशंसित सूची मांगी गई है। वहीं जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में शिकायत पंजी रखी गई है। जरूरतमंद ग्रामीण जिला मुख्यालय में खराब चापाकल की सूचना देने के बजाय प्रखंड मुख्यालय में स्थापित पंजी में अपनी शिकायत दर्ज करवा लेते हैं। दर्ज शिकायत पर शीघ्र संज्ञान लेकर खराब चापाकल दुरूस्त किया जाएगा। शिकायत पंजी में अंकित व जन प्रतिनिधियों के अनुशंसित सूची में शामिल खराब चापाकलों को तीन दिन के अंदर दुरुस्त करने की व्यवस्था विभाग ने बनाई है।
---1100 चापाकल नहीं उगल रहे पानी : जिले के छह प्रखंड क्षेत्र में स्थित करीब 1100 गांव में 500 चापाकल समान्य रूप से खराब पड़ा है। जबकि विशेष मरम्मत के अभाव में करीब 600 चापाकल पानी देने में अक्षम साबित हो रहा है। हालांकि राज्य मुख्यालय से जिले को अब तक चापाकल बनाने के मद में एक पैसा नहीं मिला है। इसके बाद भी राज्य मुख्यालय के निर्देश पर पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने सामान्य रूप से खराब चापाकल की मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया है। प्रत्येक प्रखंड में मिस्त्री उपलब्ध कराया गया है। मिस्त्री संबंधित जेई की देखरेख में खराब चापाकलों को दुरुस्त कर रहा है।
--- विशेष मरम्मत वाले चापाकल फिलहाल नहीं बनेंगे : जिले के विभिन्न गांवों में विशेष मरम्मत के अभाव में करीब 600 चापाकल पानी उगलने में नाकाम है। इन चापाकलों की सूची तैयार कर राज्य मुख्यालयों को उपलब्ध कराया गश है। लेकिन इस मद में राज्य मुख्यालय से आवंटन नहीं मिलने की वजह इन चापाकलों का भविष्य अधर में लटका है। विशेष रूप से खराब चापाकलों में पाइप, सिलेंडर, रड, हैंडिल आदि सामान की आवश्यकता है। जबकि पीएचइडी कार्यालय में मरम्मत सामग्री का अभाव पिछले साल से है।
---- वर्जन : राज्य मुख्यालय से निर्देश प्राप्त होते ही जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र में सामान्य रूप से खराब चापाकल की मरम्मत शुरू कर दी गई है। विशेष मरम्मत के लिए आवंटन की मांग की कई है। आवंटन मिलने के उपरांत उन्हें दुरुस्त किया जा सकता है।
--सुरेंद्र कुमार,कार्यपालक अभियंता पीएचइडी