आंगनबाड़ी में अनियमितता पर अधिकारी नपेंगे
जामताड़ा : आंगनबाड़ी केंद्र में कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें और अनुपस्थित रहने वाली
जामताड़ा : आंगनबाड़ी केंद्र में कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें और अनुपस्थित रहने वाली कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसे नहीं करने से संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को समाज कल्याण एवं पोषण मिशन की समीक्षा बैठक में उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने यह निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में अक्सर कर्मियों के अनुपस्थित रहने की शिकायत मिलती है, लेकिन एक भी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है। डीडीसी को टीम गठित कर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। कहा कि अनियमितता पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई करें। कहा कि यदि आगनबाड़ी केंद्र में किसी तरह की अनियमितता उजागर होता है तो महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ तथा डीएसडल्यूओ के खिलाफ कार्रवाई करें। सभी महिला पर्यवेक्षिक महीने में 15 दिन पोषक क्षेत्र का भ्रमण करें। डीसी ने कहा कि जहां स्कूल भवन खाली हो चुका है वहां दस दिनों के भीतर आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करें। सभी मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र संबंधी प्रतिवेदन समर्पित नहीं करने के बाबत उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सभी मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पर मानक के अनुरूप सुविधा उपलब्ध कराने को कहा।
इस दौरान उपायुक्त ने पोषण माह की उपलब्धि एवं कुपोषण उपचार केंद्र से डिस्चार्ज होने वाले बच्चों के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने 15 दिनों के अंदर भीतर कुपोषण उपचार केंद्र से डिस्चार्ज होने वाले बच्चे एवं पुन: कुपोषित होने के बाबत घर-घर जाकर जानकारी लेने व प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा। आंगनबाड़ी कर्मी व सहिया के बीच आपसी समन्वय नहीं होने पर सिविल सर्जन एवं डीएसडब्ल्यूओ को अविलंब पहल कर योजना क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया।
इधर, उपायुक्त ने बाल संरक्षण समिति की समीक्षा करते हुए समिति को स्वत: संज्ञान लेते हुए अवैध कार्य में लगे बच्चों की जानकारी प्राप्त करने को कहा। बाल संरक्षण समिति के पास लंबित पुराने 16 मामले को भी निष्पादित करने का निर्देश दिया। पोस्को अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी की कॉपी समिति को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड को अब मासिक प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया। गांव से लेकर प्रखंड स्तर तक बाल संरक्षण समिति गठित करने का निर्देश दिया।