अब एएनएम भी कैंसर,ब्लड प्रेशर व शुगर की पहचान करने में सक्षम
जामताड़ा अब कैंसर ब्लड प्रेशर व शुगर की पहचान आसानी से एएनएम भी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें जांच किट उपलब्ध कराने के साथ जांच करने संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उपलब्ध किट व जांच की तकनीक के उपयोग के जरिए मरीजों की पहचान कर उन्हें त्वरित चिकित्सीय सेवाएं मुहैया कराई जाएगी। भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत सरकार के इस कदम से पांच प्रकार की जानलेवा बीमारी की समय से पहचान कर इलाज मुहैया कराने में मदद मिलेगी। इस बाबत सीएस डॉ. आशा एक्का ने शुक्रवार को यहां एएनएम को प्रशिक्षण की जानकारी दी। जामताड़ा नारायणपुर व कुंडहित के एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सीके साही ने एएनएम को बताया कि गैर संचारी रोगों की स्क्रिनिग को लेकर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की एएनएम को एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जामताड़ा : अब कैंसर, ब्लड प्रेशर व शुगर की पहचान आसानी से एएनएम भी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें जांच किट उपलब्ध कराने के साथ जांच करने संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उपलब्ध किट व जांच की तकनीक के उपयोग के जरिए मरीजों की पहचान कर उन्हें त्वरित चिकित्सीय सेवाएं मुहैया कराई जाएगी। भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत सरकार के इस कदम से पांच प्रकार की जानलेवा बीमारी की समय से पहचान कर इलाज मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
इस बाबत सीएस डॉ. आशा एक्का ने शुक्रवार को यहां एएनएम को प्रशिक्षण की जानकारी दी। जामताड़ा, नारायणपुर व कुंडहित के एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सीके साही ने एएनएम को बताया कि गैर संचारी रोगों की स्क्रिनिग को लेकर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की एएनएम को एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर एएनएम अपने पोषक क्षेत्र में भ्रमण के क्रम में 30 वर्ष से अधिक उम्रवाले महिला-पुरुषों का डायबिटिज जांच किट के माध्यम से करें। इसी प्रकार कैंसर बीमारी के लक्षणों की पहचान करें। संभावित लक्षण होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में चिकित्सक के पास स्वास्थ्य जांच को भेजने की जवाबदेही एएनएम की होगी। एएनएम अपने क्षेत्रों के सहिया को भी लक्षण पहचान को प्रशिक्षित करेगी। ताकि संभावित मरीजों की पहचान में एएनएम को सहयोग मिल सकेगा।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एसके मिश्र ने कहा कि गैर संचारी रोगों की पहचान के बारे में इस प्रशिक्षण से कर्मियों को कार्य करने में सहूलियत होगी। बीमार लोगों को भी समय से इलाज मुहैया कराया जा सकेगा। प्रशिक्षकों ने गैर संचारी रोगों की पहचान कैसे करें, समुदाय में कैसे कार्य करें आदि की सीख दी। इन बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने पर भी बल दिया।
ब्रेस्ट, मुंह व गर्भाशय कैंसर की होगी पहचान : जिले में पनप रहे गैर संचारी रोगों की रोकथाम व पीड़ित को त्वरित सेवाएं मुहैया कराने के लिए सरकार गंभीर हुई है। बीमारी का त्वरित पहचान के लिए 30 वर्ष के स्त्री व पुरुषों की गैर संचारी रोगों के लिए एएनएम व प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के जरिए स्क्रीनिग किया जाएगा। प्रशिक्षित एएनएम जांच किट व प्रशिक्षण से प्राप्त लक्षण पहचान की तकनीक से पांच रोगों की आसानी से पहचान कर सकेंगी। इनमें ब्रेस्ट कैंसर, मुंह का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, उच्च रक्तचाप व शुगर की बीमारी शामिल है।
---चिह्नित मरीजों का डाटा अपडेट होगा : वेलनेस सेंटर की एएनएम एनसीडी एप्लीके शन पर चिह्नित मरीजों का डाटा अपडेट करेंगी। रोग की पहचान होने पर उन्हें इलाज के लिए उच्च संस्थानों में रेफर करेंगी। सरकार ने एप्लीकेशन क्रियान्वयन के लिए टाटा ट्रस्ट से करार किया है। मौके पर डीपीए राजीव कुमार, नोडल पदाधिकारी राकेश कुमार, राहुल कुमार, मनोज कुमार समेत कई प्रखंड के एएनएम मौजूद थे।