Move to Jagran APP

भाषा को श्रृंगार की तरह अपनाएं

मिहिजाम(जामताड़ा) स्थानीय अमलादही स्थित जनरव सांस्कृतिक क्लब के कार्यालय में सोमवार की देर श्

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 05:10 PM (IST)
भाषा को श्रृंगार की तरह अपनाएं
भाषा को श्रृंगार की तरह अपनाएं

मिहिजाम(जामताड़ा): स्थानीय अमलादही स्थित जनरव सांस्कृतिक क्लब के कार्यालय में सोमवार की देर शाम हिंदी दिवस पर गोष्ठी की गई। हिंदी व बंगला जगत के साहित्यकारों ने अहिंदी भाषी क्षेत्र में हिंदी का विकास करने को अपने-अपने सुझाव दिए। हिन्दुस्तान केबल्स कारखाना के सेवानिवृत राजभाषा अधिकारी राजाराम यादव ने हिंदी को जनमन की गंगा की संज्ञा देते हुए कहा इसे कहीं भी जबरन नहीं थोपा जाना चाहिए। वहीं बंगला के रचनाकार प्रदीप बनर्जी ने कहा अहिंदी भाषी क्षेत्र में इसके विकास के लिए सहज व सरल तरीका ईमानदारी पूर्वक अपनाया जाना चाहिए। कवि मदन शर्मा ने मौके पर अपनी कविता गणतंत्र के गूंगेपन को मिटाओ का पाठ कर एक अलग ही समां बांध दिया। जबकि शिक्षक हेमंत गुप्ता ने कहा कि वो हिंदी भाषी होने के बावजूद उनकी प्राथमिक शिक्षा बांग्ला में हुई। भाषा कोई भी हो, उसे श्रृंगार की तरह प्यार से अपनाना चाहिए। रेलकर्मी अचिन्तय सूपकार ने सरकारी कार्यों में अहिन्दी भाषियों को होने वाली दिक्कतों के कई संस्मरण साझा किए। हिंन्दी के विकास को समर्पित संस्था किसलय के कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था के सचिव पारो शैवलिनी ने मौके पर अपनी कविता हिंदी तू भारत की गंगा है का पाठ किया। अंत में बांग्ला भाषी गायक काजल राय चौधरी ने सत्यम शिवम सुंदरम गीत गाया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.