नो एंट्री जोन गौण, बाजार में ट्रैफिक ध्वस्त
जामताड़ा : शहर के बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्था चौपट है। इसी वजह से नो एंट्री जोन में हमेश्
जामताड़ा : शहर के बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्था चौपट है। इसी वजह से नो एंट्री जोन में हमेशा सड़क जाम की स्थिति रहती है। यह अव्यवस्था खास कर पर्व-त्योहार में लोगों के लिए और तकलीफ देह साबित होती है। मुख्य बाजार में मनमानी की हद रोज पार की जाती है। इससे पांच मिनट की दूरी तय करने में आधे घंटे समय जाया होता है। वहीं प्रशासन भी गाहे-बगाहे कार्रवाई कर अपने दायित्वों का इतिश्री कर लेता है, लेकिन इसका असर लंबे समय तक नहीं दिखता।
यहां है नो एंट्री जोन : इंदिरा चौक से मुख्य बाजार होते हुए वीर कुंवर ¨सह चौक, स्टेशन से सुभाष चौक, बाजार स्थित अजंता चौक से कायस्थपाड़ा काली मंदिर मोड़ तक पांच वर्ष पूर्व नो एंट्री जोन प्रशासन ने घोषित किया था। यह आज भी लागू है। इन क्षेत्रों में चार पहिया वाहन, ऑटो, रिक्शा की आवाजाही एवं सड़क किनारे बाइक या चार पहिया वाहन का पड़ाव वर्जित है। इसके वाबजूद चार पहिया वाहन, रिक्शा एवं ऑटो की आवाजाही धड़ल्ले से होती रहती है। मुख्य बाजार स्थित सड़क किनारे कतारबद्ध दर्जनों बाइक खड़ी रहती है। वहीं सड़क को दुकानदार अस्थायी रूप से अतिक्रमण करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। परिणाम स्वरूप सड़क सकरी हो गई है। ऐसे में लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
लोहे के स्थाई ब्रेकर को हटाने से भी गुरेज नहीं : शहरी क्षेत्र में गमनागमन सुचारू रखने को जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग ने वर्षों पूर्व नो एंट्री जोन के प्रवेश ¨बदु पर ब्रेकर लगाया गया था। अब लोहे से बने सारे अवरोधक को सड़क से दूर किनारे कर दिया गया है। चालक इसे अपनी सुविधानुसार सड़क के किनारे करते गए। नतीजतन अब बेरोकटोक चार पहिया वाहनों का प्रवेश नो एंट्री जोन में हो रहा है।
सड़क किनारे होती ऑटो की पार्किंग : रेलवे स्टेशन एवं इंदिरा चौक के समीप मुख्य मार्ग किनारे ऑटो की लंबी कतार दिन भर देखने को मिलती है। ऐसे में बस, ट्रक आदि बड़े वाहनों के प्रवेश होने के साथ सड़क जाम की स्थित उत्पन्न हो जाती है। कई बार सड़क जाम की स्थिति में एम्बुलेंस भी फंसती है। ऐसे में रास्ता साफ करवाने में ट्रैफिक जवानों के पसीने छूटने लगते हैं। रविवार को दोपहर में भी इसी प्रकार का दृश्य दिखाई दिया। जाम में एम्बुलेंस फंस गई। उसमें गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। बहरहाल प्रशासन खासकर बाजारों में नो एंट्री के नियमों को अनुपालन कराने के प्रति गंभीर नहीं हुआ तो इस त्योहारी मौसम में लोगों का पूजा का उत्साह परेशानी में गुम होता जाएगा।