Move to Jagran APP

सदर अस्पताल के पांच चिकित्सक कार्रवाई के दायरे में

संवाद सहयोगी जामताड़ा सदर अस्पताल में पिछले पांच माह से सिजेरियन कार्य ठप रहने पर राष्ट्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:27 PM (IST)
सदर अस्पताल के पांच चिकित्सक कार्रवाई के दायरे में
सदर अस्पताल के पांच चिकित्सक कार्रवाई के दायरे में

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : सदर अस्पताल में पिछले पांच माह से सिजेरियन कार्य ठप रहने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक ने असंतोष प्रकट किया है। साथ ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा चंद्रशेखर आजाद, तीन मूर्छित चिकित्सक व एक महिला चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तो और कारण बताओ नोटिस मिलते ही सदर अस्पताल में सिजेरियन भी आरंभ हो गया। आनन- फानन में तीन दिन में दो सिजेरियन कराया गया। अभियान निदेशक ने कारण बताओ नोटिस में यह निर्देश दिया है कि स्पष्टीकरण के माध्यम से पूछे गए सभी सवालों का संतोषजनक जवाब 29 जुलाई तक राज्य मुख्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं। निर्धारित समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण नहीं मिलने की स्थिति में यह समझा जायेगा कि आप सभी अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। इसके बाद सभी के विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

loksabha election banner

--जिले में केवल सदर अस्पताल में ही होता सिजेरियन : पूरे जिले में जामताड़ा सदर अस्पताल एकमात्र कुशल सिजेरियन कराने का संस्थान है। जिले में सदर अस्पताल को छोड़ दिया जाए तो कोई भी सरकारी अस्पताल नहीं है, जहां सिजेरियन होता है। पूरे जिले के लोग निशुल्क सिजेरियन के लिए सदर अस्पताल पर आश्रित है। इसी का परिणाम है कि सदर अस्पताल में महामारी से पूर्व बरसों से प्रतिमाह 10 से अधिक सिजेरियन होता था। सदर अस्पताल में सिजेरियन कार्य बंद रहने से आसपास की स्थिति निजी नर्सिंग होम व क्लीनिक संचालकों की चांदी कट रही है। प्रत्येक सिजेरियन के लिए कम से कम 15000 जबकि अधिकतम 35000 रुपए गरीब व अन्य तबके के मरीजों को निजी अस्पताल में देना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से संपन्न परिवार निजी नर्सिंग होम में सिजेरियन कराने में सक्षम पर गरीब परिवार के लोगों के लिए मुसीबत बन आई थी। महिलाए सिजेरियन के लिए अन्य जिले के सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं।

-- वर्जन : महामारी नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग व्यस्त रहने के कारण सदर अस्पताल में चार महीने से सिजेरियन कार्य ठप हो गया था। इस निमित्त अभियान निदेशक ने अस्पताल उपाधीक्षक समेत तीन मूर्छित चिकित्सक व एक महिला चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 29 जुलाई तक इस संबंध में संतोषजनक जवाब राज्य मुख्यालय को भेजना है। महामारी नियंत्रण के कगार पर है। अब सदर अस्पताल में पूर्व की भांति सिजेरियन होगा। इसकी सारी व्यवस्था पूरी कर ली गई है। कारण बताओ नोटिस मिलने के उपरांत दो सिजेरियन किया गया।

--- डाक्टर चंद्रशेखर आजाद अस्पताल उपाधीक्षक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.