महिला की मौत के बाद प्रशासन रेस
महिला की मौत पर पुलिस प्रशासन रेस
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर थाना क्षेत्र के पेटारी केंदुआ पहाड़ी में सफेद मिट्टी उत्खनन के दौरान गत सोमवार अपराह्न में एक महिला की घटनास्थल स्थल पर मौत होने के बाद प्रशासन रेस हो गया है। नारायणपुर के अंचल अधिकारी केदारनाथ सिंह व थाना प्रभारी अजीत कुमार व क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह, खनन विभाग के अधिकारी दल बल के साथ पहाड़ी पहुंचे। अधिकारियों की मौजूदगी में पहाड़ी में सफेद मिट्टी उत्खनन से हुए सुरंग को जेसीबी मशीन द्वारा तोड़कर समतल कर दिया गया। यह कार्रवाई प्रशासन के अधिकारियों ने एक महिला की मौत व दो महिलाओं के घायल होने के बाद प्रारंभ किया। यदि यह कार्रवाई दैनिक जागरण के 19 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित खबर के बाद हो जाती तो शायद यह घटना नहीं होती। इसे प्रशासनिक अधिकारियों ने सामान्य बात समझ कर ध्यान तक नहीं दिया। ज्ञात हो कि नारायणपुर अंचल क्षेत्र के मंझलाडीह, पेटारी केंदुआ, अमझेर पहाड़ी पर वर्ष में सात से आठ माह तक सफेद मिट्टी का उत्खनन कार्य लोग दूर-दूर से आकर करते हैं और उसे अपने घर को ले जाकर घरेलू कार्य में इस्तेमाल करते हैं। खासकर अक्टूबर नवंबर महीने में सफेद मिट्टी उत्खनन का कार्य बड़े पैमाने पर लोग करते हैं। इस कार्य में पुरुष से ज्यादा महिलाओं की भीड़ लगी रहती है। किसी पहाड़ी में चार से पांच फीट अंदर की सुरंग में लोग जाकर सफेद मिट्टी खोदते हैं तो किसी पहाड़ी में आठ से 10 फीट तक भी लोग जाकर इस कार्य को अंजाम देते हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इस बात की थोड़ी भी परवाह नहीं रहती है कि हम जिस अवस्था में मिट्टी को निकालते हैं वह जान जोखिम में डालकर जैसे कार्य करने जैसा है। लेकिन क्षेत्र के लोग चंद पैसे बचाने को लेकर घर की पुताई कार्य करने के लिए इस सफेद मिट्टी को ले जाने के लिए घंटों मशक्कत करते हैं। केंदुआ पहाड़ी की घटना में जिस महिला की मौत सोमवार को हुई है वह गिरिडीह जिले के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के बाकी माथा शेर गांव की है। यह गांव इस पहाड़ी से 10 से 15 किमी दूर अवस्थित है। सिर्फ इतना ही नहीं इससे भी ज्यादा दूरी से लोग इस मिट्टी के लिए पहाड़ी पर आते हैं। इस मिट्टी को यदि सुरक्षित तरीके से निकाला जाए तो इस प्रकार की घटना नहीं होती । लेकिन पहाड़ी के नीचे सुरंग बनाकर मिट्टी खनन का कार्य बहुत ही खतरनाक कार्य होता है इसे लोग समझने में कोताही बरतते हैं। सोमवार की घटना में एक महिला सहीना (बीबी) की मौत व बुटबेरिया गांव के हसीना बीबी (35) तथा हिना खातून (21) घायल हो गई।
-- अमझेर खादान में 10 रुपये प्रति टोकरी बिकता हैं सफेद मिट्टी : क्षेत्र के अमझेर में अवस्थित पहाड़ी के खादान में सफेद मिट्टी की खुदाई का कार्य वर्षों से चल रहा है। इसमें भी काफी संख्या में प्रतिदिन महिला-पुरुष मिट्टी लेने पहुंचते हैं। यहां दूसरे-तीसरे गांव से आने वाले महिला-पुरुषों को सफेद मिट्टी खोदने के लिए सुरंग में घुसने की इजाजत स्थानीय ग्रामीणों ने नहीं दी है। स्थानीय ग्रामीण खादान का निगरानी कर मिट्टी लेने पहुंचे लोगों से शुल्क लेकर मिट्टी देने का कार्य करते हैं। हालांकि अभी तक ग्रामीणों की चतुराई के कारण यहां किसी प्रकार की बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है। लोग सुरक्षित तरीके से मिट्टी निकाल कर लोगों को रंगाई पुताई के लिए मिट्टी उपलब्ध कराते हैं। यहां का सफेद मिट्टी कई परिवारों का रोजगार भी उपलब्ध कराता है। इसकी वर्तमान स्थिति कैसी है व मिट्टी का खुदाई किस तरीके से किया जाता है एक बार प्रशासन के अधिकारियों को इसका भी जायजा लेना चाहिए।
-- देवलबाड़ी पंचायत के पहाड़ी पर भी हो चुकी है बड़ी दुर्घटना : क्षेत्र के देवलबाड़ी पंचायत के मंझलाडीह पहाड़ी में सात-आठ वर्ष पूर्व सफेद मिट्टी खुदाई के दौरान तीन लोगों की मौत की हो चुकी है। सिर्फ इतना ही नहीं इस घटना में 4 से 5 लोग जख्मी भी हुए थे। सुरंग के दबने से जितने लोग दबे थे उन्हें निकालने में स्थानीय प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ा था। इस घटना के बाद भी उक्त पहाड़ी में आज भी सुरंग बनाकर आस-पास के ग्रामीण सफेद मिट्टी निकालने का कार्य कर रहे हैं। अब इस पहाड़ी पर प्रशासन का हथौड़ा चलता है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
सोमवार की घटना में सुरंग में दबकर मृतक महिला को दफनाया गया। पेटारी केंदुआ पहाड़ी में सोमवार को अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के बाकी माथा शेर गांव की सहीना बीबी की सुरंग में दबकर मौत हुई थी। उसे आनन-फानन में पोस्टमार्टम आदि के चक्कर से बचाने के लिए ग्रामीणों ने सोमवार की रात्रि में ही शव दफनाने का कार्य किया।
-- क्या कहते हैं अधिकारी : अंचल अधिकारी केदारनाथ सिंह ने बताया कि क्षेत्र के विभिन्न पहाड़ियों में जो सफेद मिट्टी का उत्खनन कार्य स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है उसे बंद करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। वैसे सभी पहाड़ियों के सुरंगों को जेसीबी मशीन द्वारा बंद करवा दिया जाएगा।