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1200 हेक्टेयर में होगी सरसों की खेती

जामताड़ा : लक्ष्य के अनुरूप तिलहन का उत्पादन सुनिश्चित करने की दिशा में कृषि विभाग ने पहल शु

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 12:20 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 12:20 PM (IST)
1200 हेक्टेयर में होगी सरसों की खेती
1200 हेक्टेयर में होगी सरसों की खेती

जामताड़ा : लक्ष्य के अनुरूप तिलहन का उत्पादन सुनिश्चित करने की दिशा में कृषि विभाग ने पहल शुरू कर दी है। चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 15 हजार हेक्टेयर जमीन में सरसों उत्पादन का लक्ष्य है। इस निमित कृषि विभाग ने पहले चरण में 60 ¨क्वटल सरसों बीज जिला कार्यालय को उपलब्ध कराया है। बीज प्रखंड कार्यालय के माध्यम से किसानों के बीच निश्शुल्क वितरण किया जायेगा।

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-पहले चरण में 1200 हेक्टेयर में बुआई : कृषि विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में जिले के सभी छह प्रखंड में 15 हजार हेक्टेयर में सरसों बुआई का लक्ष्य रखा है। सरसों की बुआई का बेहतर समय सितंबर माह के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक है। समय पर सरसों की बुआई शुरू हो इसको लेकर 60 ¨क्वटल बीच किसानों के बीच निश्शुल्क वितरण करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली है।

- किसानों की बनेगी सूची : प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि तकनिकी पदाधिकारी, सहायक तकनिकी पदाधिकारी, जन सेवक, कृषक मित्र के सहयोग से किसानों की सूची तैयार की जा रही है। बाद में सरसों बीज का वितरण किया जाएगा।

-110 से 140 दिन में तैयार होगी फसल : कृषि विभाग किसानों को पूसा मस्टरड बीज उपलब्ध करा रहा है। प्रति हेक्टेयर पांच किलो बीज की आवश्यकता होगी। जबकि उत्पादन कम से कम छह ¨क्वटल ओर अधिक दस ¨क्वटल प्रति हेक्टेयर होगा। बीज बुआई से कटाई तक महज तीन बार सिंचाई की आवश्यकता होगी। बुआई के पूर्व प्रति हेक्टेयर 7 से 12 ¨क्वटल गोबर देने की आवश्यकता है।

-वर्जन :

बारिश नहीं होने से जिले में धनरोपनी बाधित हुई है। ऐसे में आकस्मिक खेती के रूप में सरसों की खेती का विस्तार किया जाना है। इस वर्ष जिले में 15 हजार हेक्टेयर में सरसों खेती करने का लक्ष्य है। पहले चरण में राज्य मुख्यालय से 60 ¨क्वटल सरसों बीच निश्शुल्क वितरण करने को प्राप्त हुआ है। वितरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

सबन गुडि़या, जिला कृषि पदाधिकारी


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