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रैयतों की आड़ में राजनीति चमकाने वाले नहीं बख्शे जायेंगे

बेरमो /करगली (बेरमो) : बेरमो एसडीएम प्रेम रंजन ने कहा है कि विस्थापितों की आड़ में सीसी

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 09:00 PM (IST)
रैयतों की आड़ में राजनीति चमकाने वाले नहीं  बख्शे जायेंगे
रैयतों की आड़ में राजनीति चमकाने वाले नहीं बख्शे जायेंगे

बेरमो /करगली (बेरमो) : बेरमो एसडीएम प्रेम रंजन ने कहा है कि विस्थापितों की आड़ में सीसीएल की खदानों से होने वाले कोयला खनन कार्य में अनावश्यक बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आए दिन बेरमो कोयलांचल में विस्थापित, रैयत के नाम पर मुठ्ठी भर लोग ग्रामीणों को बहला फुसला कर कोयला उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग को रोकने का काम कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान है। रैयतों के नाम पर राजनीति चमकाने वाले अब बख्शे नहीं जाएंगे। खदान में यदि किसी की जमीन गई है तो संबंधित रैयत कागजात के साथ कानूनी लड़ाई लड़ें। अंचल स्तर पर सीओ, अनुमंडल स्तर पर एसडीएम और जिला स्तर डीसी इस कार्य के लिए जनता की शिकायत सुनने के लिए मौजूद हैं। कानून को अपने हाथ में लेकर विध्वंसक कार्रवाई करने पर अब दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उक्त बातें एसडीएम रंजन ने बेरमो अंचल कार्यालय में शनिवार को रैयत विस्थापितों के साथ आयोजित बैठक में कही।

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सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की कारो परियोजना के खनन कार्य में आ रही बाधा को लेकर अनुमंडल प्रशासन की पहल पर कारो बस्ती के विस्थापितों से साथ वार्ता की गई। मौके पर रैयत स्व. यदु ¨सह के वंशज मेघनाथ ¨सह ने कहा कि परियोजना में उनकी जमीन गई, इसका सत्यापन भी हुआ। सीसीएल प्रबंधन के साथ समझौता भी हुआ, लिखित करार के बाद भी प्रबंधन ने उन्हें अबतक मुआवजा, नियोजन और पुनर्वास की सुविधा नहीं प्रदान की। विस्थापितों ने कहा कि प्रबंधन जबरन उनकी जमीन से कोयला निकासी करने पर आमादा है। विरोध करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर हैवी ब्ला¨स्टग की जाती है। पूरी बस्ती ब्ला¨स्टग की चपेट में है, कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। मकानों में दरार आ गई है। विस्थापितों का नेतृत्व कर रहें टाईगर फोर्स के जिलाध्यक्ष राजू खान ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन प्रशासन का सहारा लेकर विस्थापितों को उनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता। अनुमंडल प्रशासन को विस्थापितों की आवाज भी सुननी चाहिए।

वहीं एसडीएम रंजन ने कहा कि प्रशासन विस्थापितों को उनक हक व अधिकार दिलाने को प्रतिबद्ध है, जिन विस्थापितों की जमीन गई है, उन्हें कोल इंडिया की आरआर पॉलिसी के तहत प्रत्येक दो एकड़ जमीन पर नियोजन देने का प्रावधान है। परंतु मेघनाथ ¨सह की 1 एकड 07 डिसमील जमीन ही गई है जिसपर नियोजन की मांग की जा रही है। उन्हें जमीन सेंटलमेंट कर दो एकड़ पर दावा करना चाहिए। वर्तमान परिस्थिति में उन्हें जमीन के बदले मुआवजा ही मिल सकता है। कहा कि हैवी ब्ला¨स्टग की लिखित शिकायत डीजीएमएस से करें, उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मौके पर सीओ एमएन मंसूरी सहित दर्जनों की संख्या में विस्थापित महिला-पुरूष उपस्थित थे।


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