लाह की चूड़ी बना कर स्वरोजगार से जुड़ें
कुंडहित (जामताड़ा) रविवार को कुंडहित वन क्षेत्र कार्यालय में लघु वन पदार्थ उन्नयन योजना के
कुंडहित (जामताड़ा) : रविवार को कुंडहित वन क्षेत्र कार्यालय में लघु वन पदार्थ उन्नयन योजना के तहत लाह से चूड़ी बनाने व महुआ से आचार बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में अंतिम दिन प्रशिक्षक रमेश चंद्र कुम्हार, देवाशीष कुम्हार, कलावती देवी, सूर्यबाला कुमारी, शारदा कुमारी ने कहा कि इससे महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी। प्रशिक्षक रमेश कुमार कुम्हार ने छह महिला समूह व छह पुरुष समूह को लाह से चूड़ी समेत अन्य सामग्रियों को बनाने की जानकारी दी।
कहा कि लाह से बनी चूड़ी छोटे-छोटे बाजार में 200 से 400 रुपये तक बेची जाती है। बड़े बाजार में यही चूड़ी 400 से 600 रुपये तक बिकती है। पुरुषों को लाह से निíमत सामग्री बाजार में बेचने का सुझाव दिया। आकर्षक चूड़ी बनाने, रंग-बिरंगी बनाने, अलग-अलग डिजाइन बनाने को हर जरूरी जानकारी दी गई। वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने कहा महिलाएं प्रशिक्षण लेकर घर बैठे दो घंटे में तीन-चार जोड़ी चूड़ी बना सकती हैं। सभी लाह की खेती भी करें। लाह से उत्पादित सामानों की आय से परिवार की माली हालत बदलें। वहीं 150 से अधिक वन समितियों व किसानों ने लाह खेती करने की इच्छा प्रकट की।
निजमानधारा गांव की वन समिति के अध्यक्ष दुलाल चंद्र माजी ने बताया गांव के आस-पास हजारों पलाश का पेड़ है। इसका जलावन में उपयोग करते थे। अब प्रशिक्षण के बाद लाह की खेती के रूप में उपयोग किया जाएगा। मौके पर वनपाल अजय लाल, वन समिति अमल सिंह, उज्ज्वल मंडल, मानिक मंडल सहित करजोड़ी, महेशपुर, महुला, खजुरी, पाहाड़गोड़ा, सारसबाद, झिनाकी, कोईबाद, सुगनीभाषा, भेलाडीह, आमलादही, बनुडीह, कोलाजोडा, करजोडी, अंधरो तुड़का, धोबना, राधामाठ, महिसाखुरा सहित दर्जनों गांव की वन समिति के लोग उपस्थित थे।