पहला रोजा के साथ माहे रमजान शुरू
जामताड़ा कोरोना लॉकडाउन के बीच शनिवार से पाक महीना रमजान की शुरुआत हो गई। शुक्रवार को चांद दिखने की पुष्टि की गई। इसी के साथ ही रमजान के पूरे एक महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखना शुरू कर दिया है।
जामताड़ा : कोरोना लॉकडाउन के बीच शनिवार से पाक महीना रमजान की शुरुआत हो गई। शुक्रवार को चांद दिखने की पुष्टि की गई। इसी के साथ ही रमजान के पूरे एक महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखना शुरू कर दिया है। सुबह सहरी के साथ ही रोजा शुरू हो गया। हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं। सुभाष चौक जामा मस्जिद के इमाम मो. नजरूल ने बताया कि इस्लाम में बताया गया है कि रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं। सभी दुआएं कुबूल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस महीने की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है। चांद के दिखने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। बताया कि सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है। सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
---रमजान में सोशल डिस्टेंसिग का हो पालन : विभिन्न मस्जिदों के इमाम तथा जिला प्रशासन ने ऐलान किया है कि इस रमजान के दौरान कोई भी सोशल डिस्टेंसिग का उल्लंघन नहीं करेगा। कोरोना वायरस को हराने के लिए सबको एकजुट होकर सरकार के लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना होगा। इस दौरान डीसी तथा एसपी ने विभिन्न मस्जिदों के इमामो तथा बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर उन्हें सोशल डिस्टेंसिग तथा लॉकडाउन का पालन कराने के लिए लोगों को अपील करने का आह्वान किया है।