हरियाणा में फंसे मजदूरों को खाने के लाले
कोराना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन में नारायणपुर व गिरिडीह के दस मजदूर हरियाणा के बल्लभ गढ़ में भोजन को मोहताज हैं। इनके समक्ष भोजन का संकट है।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : कोराना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन में नारायणपुर व गिरिडीह के दस मजदूर हरियाणा के बल्लभ गढ़ में भोजन को मोहताज हैं। इनके समक्ष भोजन का संकट है। दूसरे प्रदेश में न कोई जान पहचान भी नहीं है जिससे मदद ली जा सके। दुकानदार पहचानते नहीं इसलिए उससे मदद भी नहीं मिल रही। इस माहौल में उधारी भी कोई नहीं दे रहा। होली के बाद काम करने गए इन मजदूरों ने लंबे समय तक काम भी नहीं किया कि फैक्ट्री से पगार लेकर जरूरत के सामग्री की आपूर्ति कर सके।
चप्पल की फैक्ट्री में काम करने वाले इन मजदूरों ने लॉक डाउन के साथ जो राशि बंद हुए फैक्ट्री कार्यालय से लिया था वह खत्म हो चुका है। अब 14 अप्रैल तक कैसे समय बिताएंगे इसकी चिता लोगों को है। मजदूरों के पास शनिवार तक की भोजन सामग्री उपलब्ध है, शेष कहां से जुगाड़ हो इसकी चिता है। अब तक बड़े-बड़े दावे करनेवाले झारखंड सरकार के माध्यम से किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई गई है। इतना ही नहीं, हरियाणा सरकार भी इसमें विफल रही है। ज्ञात हो तीन दिन पूर्व मजदूरों ने झारखंड सरकार के रांची कार्यालय के हेल्प लाइन नंबर में जानकारी देकर भोजन के संकट की बात दर्ज कराई थी लेकिन अब तक इसका सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।
मजदूर लक्ष्मण राय, विशाल यादव आदि ने बताया कि 14 अप्रैल तक घर के अंदर समय गुजरने के लिए भोजन आदि की सुविधा बहुत जरूरी है। यदि सरकारी स्तर से पहल नहीं हुई तो भारी कठिनाई होगी।