Jamtara Road Accident: बेकाबू ट्रक ने स्कूटी और वैक्सीन वैन को मारी टक्कर, एक ही परिवार के 4 लोगों की हुई मौत
Jamtara Road Accident बुधवार शाम करीब पांच बजे एक बेकाबू ट्रक ने स्कूटी सवार एक ही परिवार के चार लोगों को रौंद डाला। स्कूटी पर बैठे तीन बच्चों समेत सवार की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा जामताड़ा केंद्रीय विद्यालय के पास हुआ।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। Jamtara Road Accident: बुधवार शाम करीब पांच बजे एक बेकाबू ट्रक ने स्कूटी सवार एक ही परिवार के चार लोगों को रौंद डाला। स्कूटी पर बैठे तीन बच्चों समेत सवार की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा जामताड़ा केंद्रीय विद्यालय के पास हुआ। स्कूटी सवार बोधबांध गांव निवासी होपेन हांसदा अपने बेटे दिलीप हांसदा, कबीर हांसदा और भतीजी तनीशा को लेकर गांव से जामताड़ा बाजार की ओर आ रहे थे।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि ट्रक चला रहा ड्राइवर तेज रफ्तार में गाड़ी भगा रहा था। केंद्रीय विद्यालय मोड़ के पास ट्रक ने सबसे पहले स्कूटी सवारों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद सामने से आ रही वैक्सीन वैन को भी ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया और स्कूल की दीवार तोड़ते हुए आगे बढ़ गया।
ट्रक ड्राइवर को स्थानीय लोगों ने धर दबोचा
इस हादसे इन चार लोगों के अलावा वैक्सीन वैन पर सवार दो लोग भी घायल हो गए हैं। दोनों को जामताड़ा सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। स्थानीय लोगों ने बेकाबू ट्रक का पीछा किया और दक्षिणबहाल गांव के पास ट्रक के ड्राइवर को धर दबोचा।
शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे तीनों बच्चों के साथ
मृतक होपेन के स्वजनों ने बताया कि वह तीनों बच्चों को लेकर जामताड़ा के रास्ते शिवलीबाड़ी में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहा था। उसके साथ 14 साल का बेटा दिलीप हांसदा, दस वर्षीय कबीर हांसदा और आठ साल की भतीजी तनीशा स्कूटी पर बैठी थी। लेकिन गांव से कुछ ही दूर निकलते ही मेन रोड पर उनकी स्कूटी ट्रक की चपेट में आ गई। तनीशा के पिता रामेश्वर हांसदा जामताड़ा में ही फारेस्टर हैं।
आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण ने जामताड़ा से चितरा जाने वाली इस सड़क को जाम कर दिया है। ग्रामीण ने सड़क पर बैठकर ट्रक ड्राइवर को उनके सुपुर्द करने की मांग पर अड़े थे। साथ ही स्थानीय प्रशासन और सदर अस्पताल प्रबंधन पर भी भड़के थे।
स्वजनों का आरोप है कि वैक्सीन वैन में घायल हुए दोनों लोगों को तुरंत अस्पताल प्रबंधन अपने एंबुलेंस से इलाज के लिए लेकर अस्पताल चला गया, लेकिन चार लोग सड़क पर हादसे के बाद तड़प-तड़प कर मरते रहे। ना तो मौके पर कोई एंबुलेंस इन्हें उठाने पहुंचा और ना ही किसी ने इन्हें बचाने का तनिक भी प्रयास ही किया।