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पौधे हैं तो जल है, जल है तो कल है

जागरण जल सेना ने निबंध व चित्रांकन में जल संरक्षण के उपाय उकेरे

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 05:14 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 05:14 PM (IST)
पौधे हैं तो जल है, जल है तो कल है
पौधे हैं तो जल है, जल है तो कल है

संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा): जल संरक्षण की मुहिम को व्यापक बनाने के लिए शैक्षणिक अंचल नारायणपुर के मध्य विद्यालय बुटबेरिया में गठित जल सेना के विद्यार्थियों के बीच निबंध लेखन व चित्रांकन प्रतियोगिता कराई गई। जल सेना के दर्जन भर विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान विद्यार्थियों ने जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न प्रकार के चित्र उकेर कर जलसंरक्षण के उपाय बताए। निबंध में भी वर्षा जल के बचाव और पौधारोपण पर जोर दिया गया।

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विद्यार्थियों ने अलग-अलग चित्र उकेर कर यह दर्शाया की बर्बाद होते पानी को कैसे बचाना है। पौधे लगाने हैं। जल संरक्षण के कार्य को समाज तक पहुंचाना है। विद्यार्थियों ने निबंध के माध्यम से देश में अब तक उभरे जल संकट को उजागर करने का प्रयास किया।

जल संकट को कैसे रोका जाए इसके लिए भी निबंध में सुझाव व्यक्त किया। विद्यार्थियों ने यह बताने का प्रयास किया की परिवार का एक-एक सदस्य यदि पानी की बर्बादी को रोक ले, व्यर्थ में पानी को बर्बाद नहीं करे, बरसात के जल को गांव में रोकने का कार्य करें, जितनी पानी की आवश्यकता पड़े उतना ही पानी का इस्तेमाल किया करें, क्षेत्र के खाली पड़े भूभाग में पौधे लगाने जैसे कार्य करें तो जल संकट दूर करने का बहुत बड़ा संसाधन समाज बन सकता है।

प्रधानाध्यापक रमेश मुंडा, शिक्षक सुरेश कुमार, रजाउद्दीन अंसारी, नसीम अंसारी, दीपक मंडल ने जल सेना के विद्यार्थियों से कहा कि पानी बचाना सिर्फ सरकार की जिम्मेवारी नहीं है, यह समाज का भी दायित्व है। आपसब के सहयोग से बनी जल सेना जल संरक्षण की मुहिम को समाज तक पहुंचाने की दिशा में प्रयासरत है। बच्चों का प्रयास जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

शिक्षकों ने कहा कि आप सभी को एक सुनहरा अवसर मिला है। इस अवसर का लाभ उठाकर आप जल संरक्षण के दिशा में समाज के लोगों का सहयोग लेकर छोटे-छोटे कार्य को करें। अपने घर के बगीचे में खाली पड़ी भूमि में एक-एक पौधे लगाएं। चापाकल, कूप आदि के अगल-बगल में शॉकपिट का निर्माण लोगों के सहयोग से करें। बेकार में बह रहे पानी को सहेजने का काम करें। शिक्षकों ने कहा कि यदि समाज का हर व्यक्ति जल संरक्षण के लिए थोड़ा-थोड़ा समय देगा तो बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी रुकेगी। सभी बच्चे इस मुहिम में लोगों को जोड़ने का कार्य करें। मौके पर चेतन मंडल, संदीप मरांडी, आकाश मंडल, धर्मेंद्र बास्की, तूफान मंडल, सीतामुनी मरांडी, लक्ष्मी कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, आलमुन खातून, सोनाली कुमारी, हसीना खातून आदि उपस्थित थे।


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