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जानें, क्यों इस गांव में 17 राज्यों की पुलिस दे चुकी है दबिश

जामताड़ा के करमाटांड गांव के बेरोजगार और पढ़े-लिखे युवाओं ने साइबर क्राइम को ही अपना व्यवसाय बना लिया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 06:09 PM (IST)
जानें, क्यों इस गांव में 17 राज्यों की पुलिस दे चुकी है दबिश
जानें, क्यों इस गांव में 17 राज्यों की पुलिस दे चुकी है दबिश

रांची [प्रमोद चौधरी]। जामताड़ा इलाके का करमाटांड आम गांवों से थोड़ा हटकर है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। दरअसल ये गांव न तो किसी दाऊद इब्राहिम से नहीं जुड़ा है न ही किसी अबू सलेम से । ये गांव किसी खास गिरोह से भी नहीं जुड़ा हुआ है। इस गांव में पुलिस की टीम शायद ही दस्तक देती थी। लेकिन अब इस गांव की पहचान बदल चुकी है। साइबर क्राइम की वजह से ये गांव अब बदनाम है। लेकिन इस गांव की कुछ खासियत भी रही है। ये बात अलग है कि जिस गांव को देश की मशहूर शख्सियतों में से एक ईश्वर चंद विद्यासागर ने अपनी कर्मभूमि रही अब वहां पुलिस वाले अक्सर दस्तक देते रहते हैं। हम आप को उसी करमाटांड की खूबियों और खामियों को बताएंगे।  

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साइबर अपराध और करमाटांड

ईश्‍वर चंद्र विद्यासागर का नाम सुनते ही जहां लोगों का मन श्रद्धा से भर जाता है, वहीं उनकी कर्मभूमि रही जामताड़ा जिले के करमाटांड की धरती को आज साइबर अपराधियों ने कलंकित कर दिया है। ईश्‍वर चंद्र उच्चकोटि के विद्वान थे। उनकी विद्वता के कारण ही उन्हें विद्दासागर की उपाधि दी गई थी। वे नारी शिक्षा के समर्थक थे। उनके प्रयास से ही कोलकाता समेत अन्य स्थानों पर बहुत अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना हुई।

करमाटांड़ गांव से पकड़ी गई महिला अपराधी पिंकी (दाएं)। फाइल फोटो

करमाटांड़ की इस धरती पर ही ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने आदिवासी व महिला समाज के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया था। उन्‍होंने अपने जीवन का 18 वर्ष करमाटांड़ में बिताया। उनकी इस कर्मभूमि पर नारी शिक्षा का यह हाल होगा, यह अकल्‍पनीय सा है। आज यहां की महिलाएं भी साइबर क्राइम में महारत हासिल कर चुकी हैं। हाल ही में पिंकी नामक महिला साइबर अपराधी की गिरफ्तारी से यह बात साफ हो गई है। यह करमाटांड़ झारखंड का एक ऐसा गांव बन गया है जहां देश के 17 राज्यों की पुलिस दबिश दे चुकी है।

कई अपराधी यहां से गिरफ्तार भी हुए। जामताड़ा जिले में अब तक 123 मामले दर्ज हो चुके हैं। इस गांव के बेरोजगार व पढ़े-लिखे युवाओं ने साइबर क्राइम को ही अपना व्यवसाय बना लिया है, इतना ही नहीं अपने घरों में चोरी-छिपे साइबर अपराध की तकनीक का प्रशिक्षण भी देते हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि पूरे देश में साइबर क्राइम के मामले में कैसे बनी झारखंड की इस पावन भूमि जामताड़ा की पहचान।

ऐसे बना साइबर अपराधियों का गढ़
झारखंड का बेहद पिछड़ा जिला है जामताड़ा। यहां उद्योगों का नामोनिशान नहीं है। नतीजतन लोगों ने रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन शुरू किया। वर्ष 2010-11 में रोजी-रोटी के लिए गुजरात, मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों में गए कई युवकों को साइबर अपराध भा गया। इनमें से कई ने वहां इस अपराध की बारीकियां सीखीं।

वहां से साइबर अपराध के मास्टर बनकर लौटे युवकों ने करमाटांड़ को इस अपराध का गढ़ बनाया। घर बैठे ठगी के इस धंधे में खूब पैसे थे। इसलिए गरीबी से परेशान कई युवा इस ओर उन्मुख हो गए। पहला साइबर अपराध करमाटांड़ थाने में 10 जनवरी वर्ष 2013 को कांड संख्या 145/13 के तहत अंकित हुआ।



यूपी से लेकर अंडमान तक की पुलिस परेशान
यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलांगाना, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, नगालैंड, अंडमान निकोबार, केरल की पुलिस साइबर मामलों के अनुसंधान के लिए जामताड़ा आ चुकी है। इस वर्ष साइबर क्राइम के 67 मामले दर्ज हुए, जबकि 160 गिरफ्तार हुए। इनमें 64 को दूसरे राज्यों की पुलिस रिमांड पर ले गई है। 16.28 लाख रुपये भी जब्त हुए। 65 साइबर आरोपियों की गतिविधियों की नियमित निगरानी भी हो रही है।

ऐसे बनते हैं लोग ठगी के शिकार

साइबर अपराधी लोगों को कॉल करते हैं। अपने को बैंक अधिकारी बताकर खाताधारकों एटीएम कार्ड को आधार से जोड़ने, एटीएम की अवधि बढ़ाने जैसी बातें कहकर एटीएम के नंबर व पासवर्ड ले लेते हैं। फिर ओटीपी मैसेज जनरेट कराया जाता है। उसका पासवर्ड पूछकर पीडि़त के खाते से रुपए उड़ा लिए जाते हैं। साइबर डीएसपी सुमित कुमार की मानें तो जब तक अपराधी को गोपनीय नंबर नहीं बताया जाएगा वह रकम नहीं उड़ा सकता।

केस-1
एक करोड़ उड़ाने वाला प्रशांत
जामताड़ा एसपी डॉ. जया राय ने साइबर क्राइम के गढ़ करमाटांड़ के झिलुवा गांव से प्रशांत मंडल को पिछले वर्ष गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि वह साइबर अपराध के जरिये एक करोड़ की रकम पर हाथ साफ कर चुका है। विजय मंडल नामक साइबर अपराधी ने उसे इसके गुर सिखाए।

केस-2
कपड़ा कारोबार की आड़ में साइबर अपराध
नावाडीह से दो माह पहले पुलिस ने सलीम अंसारी नामक एक कपड़ा व्यवसायी को पकड़ा था। उसे दिल्ली पुलिस तलाश करती पहुंची थी। उसने लोगों के खातों से करीब तीस लाख की रकम साफ कर दी थी।

केस-3
विक्की है करोड़पति अपराधी
जामताड़ा के करमाटांड़ से विक्की मंडल नामक करोड़पति साइबर अपराधी को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उसकी निशानदेही पर दो महंगी कार और 25 लाख रुपये की अवैध संपत्ति पुलिस ने जब्त की।

केस-4
पहली बार महिला का नाम सामने आया
साइबर अपराध में पहली बार पिंकी नामक महिला नवंबर में पुलिस के हत्थे चढ़ी। पिंकी का पति भी साइबर ठगी करता है। उसने ही पिंकी को दिल्ली ले जाकर साइबर अपराध के गुर सिखाए। बाद में पिंकी ने पति को छोड़कर अपने भाई के साथ घर से ही ठगी का यह धंधा शुरू कर दिया। पुलिस ने अब तक एक दर्जन महिलाओं की साइबर अपराधियों के रूप में पहचान की है। जो नारायणपुर व करमाटांड़ के विभिन्न गांवों में घर से साइबर अपराध कर ठगी में लगी हैं।

275 अपराधी गिरफ्तार

डीजीपी से मिली कार्ययोजना पर काम हो रहा है। साइबर सेल है। साइबर थाने में इंस्पेक्टर, डीएसपी की प्रतिनियुक्ति की है। जिले में लगभग पौने तीन सौ अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। दो सौ अपराधियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं।
-डॉ. जया रॉय, एसपी, जामताड़ा



इसे भी जानें
वर्ष 2013 से 13 नवंबर 2017 तक साइबर अपराधियों से बरामद सामान
राशि : 25 लाख 10 हजार , सिम : 974, मोबाइल : 556, लैपटॉप : 19, एटीएम कार्ड : 140, बैंक खाता : 190, दोपहिया वाहन : 62, चार पहिया वाहन : 17



ऐसे करें ठगों से बचाव
- कभी भी अपना एटीएम नंबर व पासवर्ड किसी को भी नहीं बताएं।
- यदि कोई अपने को बैंक अधिकारी बताकर भी एटीएम पासवर्ड जानने की कोशिश करे तो भी जानकारी नहीं दें। क्योंकि कोई बैंक अपने खाताधारकों को जानकारी लेने के लिए फोन नहीं करता।
- कॉल आने पर पुलिस व बैंक प्रबंधन को सूचित करें।
- जिन एटीएम में गार्ड नहीं हो वहां पैसा निकासी से परहेज करें।
- यदि किसी ने बरगलाकर आपसे जरूरी जानकारी लेकर ऑनलाइन खरीदारी करनी शुरू कर दी है तो उसका मैसेज आते ही टोलफ्री नंबर पर सूचना दें।
- अगर आपके खाते से राशि उड़ा ली गई है तो चार-छह घंटे के अंदर ही पुलिस को सूचित करें। बारह घंटे के अंदर उड़ाई गई राशि आपको वापस मिल सकती है। 24 घंटे बीतने पर राशि वापसी की गुंजाइश खत्म हो जाती है।
 

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