पीएम आवास आवंटन में गड़बड़ियों का वास
संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा): प्रधानमंत्री आवास आवंटन में पंचायतकर्मी द्वारा गड़बड़ी
संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा): प्रधानमंत्री आवास आवंटन में पंचायतकर्मी द्वारा गड़बड़ी करने का एक मामला प्रकाश में आया है। मामला नारायणपुर प्रखंड के मंझलाडीह (पंचायत मंझलाडीह) गांव का है। इस गांव के शब्बीर मियां, पिता फजलू मियां के नाम से स्वीकृत आवास को गांव के शबरती मियां, पिता मुरशेद मियां के नाम आवंटित कर दिया गया। इतना ही नहीं आवास निर्माण के लिए एक लाख सोलह हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। योजना में गड़बड़ी करने का मामला तीन दिन पूर्व सामाजिक अंकेक्षण टीम के समक्ष उजागर हुआ। इस पंचायत में प्रदीप राउत के नेतृत्व वाले सामाजिक अंकेक्षण दल के सदस्यों ने योजनाओं का भौतिक सत्यापन किया गया, तो यह मामला उजागर हुआ। टीम ने जब मंझलाडीह गांव में शब्बीर मियां के पीएम आवास की खोज की, तो ग्रामीणों ने टीम को बताया कि इन्हें आवास नहीं मिला है। जबकि टीम को प्राप्त योजना संबंधी अभिलेख से स्पष्ट है कि शब्बीर मियां के नाम से आवास की राशि शबरती मियां के बचत खाते में गई है। खोजबीन की गई तो मामला स्पष्ट हुआ। शब्बीर के बदले आवास शबरती को दे दिया गया है। राज्य और केंद्र सरकार के कागजातों में शब्बीर मियां, पिता फजलू मियां को पीएम आवास मिल चुका है, जबकि धरातल पर कुछ और माजरा है।
-आवास नहीं मिला तो सीएम से शिकायत करुंगा: शब्बीर मियां ने कहा कि पीएम आवास प्रतीक्षा सूची में मेरा नाम कच्चा मकान की सूची में शामिल है। इसी सूची के आधार पर वर्ष 2016-17 में मेरे नाम पर जेएच 1494540 का आइडी बना। इसी आइडी के आधार पर गांव के शरबती मियां को आवास बनाने की राशि दे दी गयी। शरबती मियां को तीन किस्त में एक लाख दो हजार रुपये उनके बचत खाते में दिए गए। जबकि शेष राशि मजदूरों के खाते में दिया गया। 24 हजार की पहली किस्त 5 फरवरी 2017 को दी गई, जबकि दूसरी किस्त 30 हजार रुपये 21 अगस्त 2017 को दी गई। वहीं तीसरी किस्त में 48 हजार रुपये का भुगतान 5 सितंबर 2017 को किया गया। शब्बीर मियां ने कहा कि बिना जांच पड़ताल किए बगैर दूसरे व्यक्ति को आवास दिया गया। पारिवारिक सूची की भी अनदेखी कर दी गई। मुझे पीएम आवास पंचायत सचिव दें अन्यथा शिकायत मुख्यमंत्री से करूंगा।
-बगैर जांच किए एग्रीमेंट करने का नहीं है प्रावधान: नियमत: जिनका सूची में नाम होता है और यदि वे लाभ लेने के दायरे में आते हैं, तो उसका मिलान पारिवारिक सूची देख कर पंचायत सचिव एवं मुखिया आदि को करना है। यदि सूची में किसी प्रकार की शंका हो, तो उसका अन्य कागजातों से मिलान करते हुए ग्रामीणों के बीच इसकी सत्यता को खंगाल कर ही लाभुक को राशि देनरी है।
-क्या कहते हैं पंचायत सचिव : पंचायत सचिव विशेश्वर मरांडी ने बताया कि पीएम आवास सूची में एस मियां लिखा हुआ था। इसी कारण आवास आवंटन में गलती हुई।
-क्या कहते हैं अधिकारी : बीडीओ महेश्वरी प्रसाद यादव ने बताया कि शार्ट नाम के चलते ऐसा हुआ है। इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।