पशुपालन से जोड़ कर किसानों की आय वृद्धि बढ़ाएं
जागरण संवाददाता जामताड़ा खेती के बाद किसानों की आय का दूसरा महत्वपूर्ण साधन पशुपालन ह
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : खेती के बाद किसानों की आय का दूसरा महत्वपूर्ण साधन पशुपालन है। यह कार्य खेती के साथ भी आसानी से किया जा सकता है। ऐसे में आय के इस अतिरिक्त साधन से पशु पालक बेहतर आमदनी अर्जित कर सकते हैं। ये बातें सोमवार को डीसी कार्यालय के सभागार में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए डीडीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कही। कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने भी कवायद शुरू कर दी है। बकरी और सूअर पालने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से झारखंड में बैकयार्ड लेयर, बकरी, सूअर, पोल्ट्री पालन योजना शुरू की गई है, जो पशुपालन विभाग की देखरेख में चलेगी।
उन्होंने अधीनस्थों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले के किस प्रखंड में कितना शेड का निर्माण किया गया है, का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। साथ ही पशुपालन विभाग के माध्यम से चयनित लाभुकों की रिपोर्ट दें। 29 अक्टूबर तक लाभुकों का चयन कर भेजना सुनिश्चित करें। साथ ही सभी पदाधिकारी को समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा।
ज्ञातव्य हो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने बकरा योजना में 241 लाभुकों, सूअर पालन में 63, पोल्ट्री फार्म में 23 और बैकयार्ड लेयर में 23 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया है। मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. इंद्र भूषण सिन्हा, बीडीओ मो. जहीर आलम, जेएसएलपीएस की डीपीएम रीता सिंह सहित सभी बीपीओ आदि उपस्थित थे।