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तब प्रत्याशी पैदल ही करते थे चुनाव प्रचार

पहले 21 की उम्र के बाद ही मतदान का अधिकार था। जबकि अब 18 वर्ष निर्धारित किया गया है। उस वक्त व अब हो रहे चुनाव में काफी परिवर्तन है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 05:06 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 05:06 PM (IST)
तब प्रत्याशी पैदल ही करते थे चुनाव प्रचार
तब प्रत्याशी पैदल ही करते थे चुनाव प्रचार

फतेहपुर (जामताड़ा) : उम्र के 85 बसंत देख चुके अजित कुमार मंडल में आज भी मतदान को लेकर गजब का जज्बा बरकरार है। पहली बार 1962 के लोकसभा चुनाव में मताधिकार का उपयोग करने वाले अजीत कुमार मंडल फतेहपुर के ग्राम प्रधान भी हैं। वे कहते हैं कि उस वक्त चुनाव इतना हाईटेक नहीं हुआ करता था। सोशल मीडिया का कहीं कोई अस्तित्व नहीं था। लोग अखबार भी नहीं पढ़ते थे। आचार संहिता व चुनाव आयोग के बारे में भी कुछ पढ़े-लिखे लोग ही जानते थे। प्रत्याशी भी साइकिल से या पैदल चुनाव प्रचार करते थे। पहले मतदान का प्रतिशत कम हुआ करता था। महिला मतदाता भी मतदान के लिए कम ही निकलती थी। चुनाव के प्रति जागरूकता का अभाव था। पहले 21 की उम्र के बाद ही मतदान का अधिकार था। जबकि अब 18 वर्ष निर्धारित किया गया है। उस वक्त व अब हो रहे चुनाव में काफी परिवर्तन है। समय के साथ ही चुनाव के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाता है। प्रशासन भी इसके लिए सतर्क है। वर्तमान समय में निष्पक्ष चुनाव के आसार ज्यादा दिखाई पड़ते हैं। लोग निर्भीक होकर मतदान करने के लिए जाते हैं। महिलाओं की संख्या भी मतदान केंद्रों में लंबी कतार के रूप में देखी जाती है। कहा कि मतदान करना अधिकार है। सभी को अपने मत का उपयोग करना चाहिए।

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