गलती स्वीकारने पर बंदी की सजा कम भी हो सकती
जामताड़ा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में मंडल कारा में जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुशेश्वर सिकू ने की। जेल अदालत में एक भी मामला निष्पादन को सामने नहीं आने पर बंदियों को कानून की जानकारी दी गई।
जामताड़ा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में मंडल कारा में जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुशेश्वर सिकू ने की। जेल अदालत में एक भी मामला निष्पादन को सामने नहीं आने पर बंदियों को कानून की जानकारी दी गई। इस क्रम में सचिव ने कहा कि जो भी लंबे समय से जेल में बंद हैं या उनके मुकदमे में किसी प्रकार की पैरवी नहीं हो रही है तो ऐसे पीड़ित अपना आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दें। उन्हें निश्शुल्क अधिवक्ता मुहैया कराया जाएगा।
कहा कि छोटी-मोटी गलती पर गलती स्वीकारने के पश्चात उसकी सजा में कमी करते हुए अदालत रिहा भी करती है। बंदी यहां से जब भी जाएं, समाज में रहकर सामाजिक जीवन व्यतीत करें। ऐसा कोई काम न करें जिससे जेल की शरण में आना पड़ेगा मौके पर बंदियों ने सचिव को अपने मुकदमे में होनेवाली समस्याओं से अवगत कराया। सचिव ने कहा कि अपने मुकदमे से संबंधित लिखित आवेदन डीएलएसए को दें। उचित कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर अधिवक्ता सुरेश सिंह, नागेंद्र प्रसाद ओझा, कारा पाल अभिषेक कुमार, श्याम नंदन सहाय, संदीप गुप्ता, राजेश दत्त सहित अन्य लोग मौजूद थे।