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अब भौतिक सत्यापन के बाद ही मछुआरों को मिलेगा आवास

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जरुरतमंद को शीघ्र मिलेगा मछुआ आवास। इसके लिए मत्स्य विभाग ने कार्य यो

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:06 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 06:06 PM (IST)
अब भौतिक सत्यापन के बाद ही 
मछुआरों को मिलेगा आवास
अब भौतिक सत्यापन के बाद ही मछुआरों को मिलेगा आवास

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जरुरतमंद को शीघ्र मिलेगा मछुआ आवास। इसके लिए मत्स्य विभाग ने कार्य योजना तैयार की है। लाभुक से आवेदन प्राप्त करने के बाद विभागीय टीम संबंधित लाभुक के घर पहुंचकर उनकी आर्थिक स्थिति व व्यवसाय का आकलन करेगी। फिर उनके आवेदनों की स्वीकृति दी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 100 वेदव्यास आवास निर्माण का लक्ष्य राज्य मुख्यालय से निर्धारित है।

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----एससी-एसटी व ओबीसी को मिलेगा आवास : जिले के वैसे एससी, एसटी और ओबीसी परिवार जिनका जीविकोपार्जन मछली पालन, मछली पकड़ने एवं मछली व्यवसाय से चल रहा है या फिर उस परिवार के पास पक्का मकान नहीं है और गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहा है तो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसी मापदंड को पूरा करने वाले लोगों का आवेदन योजनागत लाभ देने के लिए स्वीकार किया जाएगा।

1.2 लाख आवास की योजना : प्रत्येक वेदव्यास आवास योजना के निर्माण के लिए 1.2 लाख रुपये प्राक्कलित राशि निर्धारित है। आवास निर्माण प्राक्कलन में कीचन, शौचालय, बेड रूम व हॉल का प्रावधान निर्धारित है। लाभुकों को स्वयं निर्माण कार्य करना है। इस निमित लाभुक के बैंक खाता में तीन किस्तों में निर्माण राशि का भुगतान मत्स्य विभाग करेगा। निर्माण कार्य के अनुपात में ही निर्माण मद की राशि का भुगतान किया जाएगा। संबंधित जेई निर्माण कार्य की मापी पुस्तिका मत्स्य विभाग कार्यालय में क्रमवार प्रस्तुत करेंगे। कार्य प्रगति के अनुरूप राशि लाभुक के बैंक खाता में भेजी जाएगी। भौतिक सत्यापन का दायित्व : वेदव्यास आवास के आवेदक के आवेदन का भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी मत्स्य प्रसार पदाधिकारी को दी गई है। अब तक जिला मत्स्य कार्यालय को जिले के विभिन्न छह प्रखंडों से 520 लाभुकों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। संबंधित पदाधिकारी की ओर से 110 आवेदन का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। शेष आवेदन के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।

बिचौलिया हावी : कतिपय गांव के एक-एक बिचौलिया ने दर्जनों आवेदन मत्स्य जिला कार्यालय में जमा करवाया है। बिचौलिया इस जुगत में है कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी माननीय की अनुशंसा व पैरवी पर अहर्ता नहीं होने के बाद भी आवास की स्वीकृति दिलायी जा सके। इसलिए मत्स्य विभाग ने पहली बार भौतिक सत्यापन का कदम उठाया है। अब बस समय ही बतायेगा की भौतिक सत्यापन की व्यवस्था कितनी कारगर साबित होगी। ---वर्जन

जरूरतमंद परिवार को वेदव्यास आवास का लाभ दिलाने को मत्स्य विभाग प्रयासरत है। आवेदक के घर पहुंचकर पदाधिकारी उनकी स्थिति का आकलन करेंगे। ताकि स्पष्ट हो सके कि आवेदक अहर्ता के अधीन है या नहीं। अहर्ता नहीं रखने वाले आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। भौतिक सत्यापन के बाद सूची तैयार की जाएगी। फिर उपायुक्त की अध्यक्षता में स्वीकृति का निर्णय लिया जायेगा।

---दीपांकर शीत, प्रभारी जिला मत्स्य पदाधिकारी।


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