वीरान वन भूमि पर फिर होगी हरियाली
जामताड़ा : पेड़ कटाई या अन्य कारण से पेड़ नष्ट होने के बाद वीरान हुए वनों में फिर से
जामताड़ा : पेड़ कटाई या अन्य कारण से पेड़ नष्ट होने के बाद वीरान हुए वनों में फिर से पौधों की हरियाली आएगी। इस बाबत वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग ने जिले के 500 हेक्टेयर वन भूमि को चिह्नित किया है। यहां पेड़ कटाई के बाद वीरानी छा गई है।
विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में जिले के नाला, कुंडहित व फतेहपुर प्रखंड में 500 हेक्टेयर वन भूमि चिह्नित किया है। विभाग सिल्वीकल्चर ऑपरेशन कर वन भूमि में पेड़ आच्छादित करेगा। यह कार्य केंद्र व राज्य योजना से आवंटित राशि से किया जायेगा।
दिसंबर-फरवरी तक होगी छंटनी : काटे गये पेड़ों की जड़ से निकली शाखाओं को दिसंबर से फरवरी माह के बीच छंटनी की जाएगी। छंटनी के क्रम में यह ध्यान रखा जायेगा की जड़ से निकली शाखाओं में से सबसे उपयुक्त पेड़ के लायक एक मात्र कौन शाखा हो सकती है। जड़ से निकली सभी शाखाओं की छंटनी कर दी जाएगी ताकि उपयुक्त एक मात्र शाखा जो बचेगी वह पेड़ के रूप में विकसित हो जाएगी।
नाला, कुंडहित व फतेहपुर में होगा उपयोग : पिछले दस वर्ष में वन भूमि से पेड़ की कटाई नाला, फतेहपुर व कुडहित क्षेत्रों में हुआ है। पेड़ कटने के बाद जड़ से शाखाएं प्रति वर्ष निकलती है। लेकिन कई शाखाएं होने के कारण शाखा पेड़ का रूप धारण नहीं कर पाता है। जड़ से निकली शाखा कम समय में ही पेड़ का रूप धारण कर लेता है। जबकि पौधा को पेड़ बनने में अधिक समय लगता है।
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वर्जन :
तीन प्रखंडों नाला, कुंडहित व फतेहपुर में वन भूमि को चिह्नित किया गया है। यहां वन भूमि में जड़ से निकली शाखाओं की छंटनी की तैयारियां पूरी कर ली गई है। चालू वित्तीय वर्ष में 500 हेक्टेयर में छंटनी कार्य किया जाएगा। संबंधित रेंज पदाधिकारी को इस दिशा में कार्य योजना से अवगत कराया जा चुका है। सुशील सोरेन, वन प्रमंडल पदाधिकारी।