बगैर अनुमति के ईट बनानेवालों पर होगी प्राथमिकी
जामताड़ा प्रदूषण व खनन विभाग से बगैर अनुमति प्राप्त ईट बनानेवालों पर जिला खनन पदाधिकारी व पुलिस शिकंजा कसेगी। इस बाबत जिला खनन पदाधिकारी अंचलाधिकारी ने पुलिस के सहयोग से कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में सैकड़ों बांग्ला ईट-भट्ठा चल रहा है। जामताड़ा नाला व मिहिजाम थाना क्षेत्र में कई चिमनी ईट-भट्ठा है। इन्हें प्रदूषण विभाग से पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। विभाग को जानकारी मिली है कि जिले के गांवों में बगैर अनुमति के बांग्ला ईट निर्माण कार्य किया जा रहा है। ईट निर्माण के लिए अनुमति प्राप्त करना जरूरी कर दिया गया है।
जामताड़ा : प्रदूषण व खनन विभाग से बगैर अनुमति प्राप्त ईट बनानेवालों पर जिला खनन पदाधिकारी व पुलिस शिकंजा कसेगी। इस बाबत जिला खनन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी ने पुलिस के सहयोग से कार्रवाई शुरू कर दी है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में सैकड़ों बांग्ला ईट-भट्ठा चल रहा है। जामताड़ा, नाला व मिहिजाम थाना क्षेत्र में कई चिमनी ईट-भट्ठा है। इन्हें प्रदूषण विभाग से पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। विभाग को जानकारी मिली है कि जिले के गांवों में बगैर अनुमति के बांग्ला ईट निर्माण कार्य किया जा रहा है। ईट निर्माण के लिए अनुमति प्राप्त करना जरूरी कर दिया गया है। बिना खनन राजस्व जमा किए व बगैर पर्यावरण स्वीकृति के ही ईटभट्ठा संचालित किया जा रहा है। इस बीच जिला खनन पदाधिकारी ने छापेमारी कर आठ ईट-भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी की है।
-- अक्टूबर के बाद बढ़ता है धंधा : बारिश का मौसम समाप्त होते ही अक्टूबर माह से जिले के विभिन्न गांवों में ईट का धंध शुरू हो जाता है। इसके लिए प्रदूषण व खनन विभाग से कोई अनुमति भी नहीं ली जाती। जबकि सरकारी प्रावधान में आग जलाने के लिए प्रदूषण विभाग व मिट्टी खुदाई के लिए खनन विभाग से अनुमति प्रापत करना अनिवार्य है। वर्तमान समय में जामताड़ा थाना क्षेत्र के दक्षिणबहाल, गोपालपुर, सतसाल, उदलबनी, भलगढ़ा, सूपायडीह, रामपुर, नारायणपुर थाना क्षेत्र के लेरुवा, शहरपुर, मदनाडीह, भैयाडीह, नारोडीह, चैनपुर, चम्पापुर, देवलबाड़ी, डाभाकेंद, करमाटांड़ थाना क्षेत्र के झिलुवा, शिकरपोसनी, पोस्ता, छायाटांड़, कुरुवा में अवैध धंधा चलाया जा रहा है।
---वर्जन : बिना खनन टैक्स जमा किए ईट-भट्ठा का संचालन करना लघु खनिज नियम का उल्लंघन है। इनके खिलाफ अवैध ईट निर्माण कर्ता के विरुद्ध झारखंड लघु खनिज नियमावली 1972 के नियम 26, 284 के उल्लंघन के तहत धारा 379 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। भारी संख्या में भट्ठा चल रहा है पर किसी संचालक ने शुल्क जमा नहीं किया है। संचालन के लिए प्रदूषण विभाग से पर्यावरण स्वीकृति जबकि खनन विभाग से मिट्टी खुदाई के लिए प्रमाणपत्र लेना जरूरी है। बगैर अनुमति के ईट निर्माण कार्य पर रोक को छापेमारी शुरू की गई है। आठ ईट भट्ठा संचालकों को नोटिस भेजा गया है। शीघ्र कार्यालय में रायल्टी राशि नहीं जमा करने पर तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
राजाराम प्रसाद, जिला खनन पदाधिकारी।