फतेहपुर के लोगों को बिजली संकट से नहीं मिल रही मुक्ति
संवाद सहयोगी फतेहपुर (जामताड़ा) फतेहपुर में बिजली की अनियमित आपूर्ति से उपभोक्ता परेशान
संवाद सहयोगी, फतेहपुर (जामताड़ा): फतेहपुर में बिजली की अनियमित आपूर्ति से उपभोक्ता परेशान है। यहां एक सप्ताह से लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं। सोमवार को पहले रखरखाव के लिए 33000 लाइन में इंसुलेटर बदलने के लिए विभाग सुबह साढे़ नौ बजे से साढ़े तीन बजे तक विद्युत आपूर्ति बंद रखा। उसके बाद लाइन चालू की गई तो 33000 लाइन में गड़बड़ी आ गई । मंगलवार को 25 घंटे बाद साढ़े दस बजे ही बिजली मिली। उसके बाद भी आना-जाना लगा हुआ है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि एक माह पहले भी 33000 लाइन में रखरखाव किया गया है। इसके बाद फिर सोमवार से इंसुलेटर बदलने के लिए विभाग विद्युत आपूर्ति बंद कर दिया। जब बार-बार विभाग 33000 लाइन को दुरुस्त करने में पसीना बहा रहा है तो फिर उसी लाइन में गड़बड़ी भी तुरंत कैसे हो जाती है। विभाग रखरखाव में सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। 8 से 10 सितंबर तीन दिन तक बिजली समस्या बनी रही। इसके बाद 14 सितंबर को भी विद्युत आपूर्ति ठप रही। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के उपभोक्ता किस कदर बिजली संकट से जूझ रहे हैं ।
--- फतेहपुर में आए दिन बिजली समस्या बनी रहती है। सप्ताह में दो- तीन बिजली मिलती। 8 से 10 सितंबर तक बिजली संकट था। इसके बाद सोमवार को भी बिजली गुल रही। वह 24 घंटे बाद आई। समझ में नहीं आता समस्या का समाधान कौन करेंगे। -- कामेश मंडल उपभोक्ता अंगुठिया ।
---बिजली के अनियमित आपूर्ति से उपभोक्ता परेशान है। यहां एक बार बिजली गई तो कब आएगी विभाग भी बताने में अक्षम रहता है। बिजली समस्या के निदान के लिए न जनप्रतिनिधि ओर न ही विभाग ही सकारात्मक पहल कर रहा है।
--- निवारण मंडल उपभोक्ता चौकुन्दा ।
---महीने में कितने बार रखरखाव 33000 लाइन मे होगा यह तो विभाग ही जाने लेकिन रखरखाव के बाद भी मुश्किल से महीना में 15 दिन भी सही तौर पर बिजली नहीं मिलती। विभाग को स्थायी निदान ढूंढना चाहिए।
--- दिगंबर मंडल उपभोक्ता बुटबाड़ी ।
----फतेहपुर में बिजली समस्या अब रोज-रोज किचकिच बनती जा रही है। अधिकारी भी ध्यान नहीं देते। एक बार बिजली गई तो विभाग को दुरुस्त करने में कई दिन लग जाता है। बिजली के कई दिन गायब होने से लोग लालटेन युग में चले जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित होती।
--चैतन्य भंडारी पंचकेठिया ।